आगरा : वैश्विक धरोहरों में शामिल ताजमहल की सुंदरता और आगरा किला (एत्माद्दौला) के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है. खतरा का कारण पास स्थित यमुना नदी को बताया जा रहा है. हालांकि, फतेहपुर सिकरी अभी खतरे से बाहर है.
आठ फरवरी को सरकार की ओर से सदन को दी गयी थी जानकारी.
आगरा के मेयर नवीन जैन ने ताजमहल की सुंदरता को लेकर जाहिर चिंता.
यमुना में पानी की कमी से वैश्विक धरोहर की सुंदरता खतरे में,. नींव हो रही कमजोर.
आगरा के मेयर नवीन जैन ने कहा है कि 90 नालों में से 29 नालों का पानाी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये फिल्टर कर यमुना में छोड़ा जाता है. शेष 61 नालों के पानी के लिए मंजूरी जरूरी है. वैकल्पिक तौर पर विशेष रसायनों के जरिये नालों के पानी को फिल्टर किया जाता है.
साथ ही उन्होंने कहा कि हम ताजमहल की सुंदरता का लेकर चिंतित हैं. क्योंकि, इसके चारो ओर पानी की निरंतरता की कमी है. ताजमहल के आसपास लगातार पानी का प्रवाह भी इसकी नींव के पास जम जाता है.
आगरा के मेयर नवीन जेन ने यदि पानी नहीं है, तो कई या शैवाल लगे हैं, इस कारण कीड़े होने से ताजमहल की सुंदरता में बाधा डाल रहे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से मामले को देखने का अनुरोध किया है.
मालूम हो कि सरकार ने ताजमहल समेत सभी तीनों इमारतों को बचाने के लिए यमुना नदी में पांच काम शुरू कराने की बात कही थी. इसमें यमुना नदी से गाद निकालने की प्रक्रिया भी शामिल है.
जानकारों के मुताबिक, ताजमहल यमुना के किनारे स्थित है. गर्मियों में पानी कम होने पर यमुना में कीचड़ और काई जैसी दलदल स्थिति बनने लगती है. ऐसे में गोल्डी काइरोनोमस तेजी से पनपने लगता है. गोल्डी काइरोनोमस दलदली जगह में ही पैदा होता है.
हरे रंग के कीड़े गोल्डी काइरोनोमस को दूसरे रंग बहुत प्रभावित करते हैं. गोल्डी काइरोनोमस जब फूलों पर बैठता है, तो मल त्याग भी करता है. इसके मल का रंग भी हरा होता है. यही मल ताज की दीवारों पर चिपक रहे हैं और उसे हरे रंग का बना रहे हैं.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की विज्ञान शाखा ने भी कहा है कि ताजमहल, आगरा किला को खतरे से बचाने के लिए यमुना नदी के गाद को बाहर निकालना होगा. साथ ही खरपतवार को हटाना होगा. नदी में पानी छोड़ना होगा. लगातार पानी के बहाव को बनाये रखने और स्मारकों की बेहतर सफाई पर ध्यान देना होगा.