लखनऊ : विकलांगों का हक मारने के आरोपों में पहले भी घिर चुके केंद्रीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद पर एक विकलांग लडकी की वीडियो क्लिप बनवाकर उसके नाम पर विदेश से धन अर्जित करने का इल्जाम भी लगा है.
आम आदमी पार्टी (आप) ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराकर उस वीडियो क्लिप के जरिये एकत्र की गयी धनराशि पीडित लडकी को दिलाये जाने की मांग की है.
फर्रुखाबाद के शमशाबाद पश्चिमी के अहमदपुर कटियार गांव की रहने वाली संसारवती और उसके पिता ओमप्रकाश वर्मा ने आज प्रेस कांफ्रेंस में खुर्शीद पर इल्जाम लगाया कि उन्होंने तथा उनकी पत्नी लुइस खुर्शीद ने उन दोनों को अप्रैल 1992 में दिल्ली स्थित अपने आवास पर बुलाकर एक वीडियो क्लिप बनवायी थी.
फर्रुखाबाद से आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी मुकुल त्रिपाठी के साथ आये वर्मा के मुताबिक खुर्शीद ने कहा था कि संसारवती के बायें पैर में पोलियो है और दाहिना पैर कट गया है. इस वीडियो क्लिप के जरिये उसकी विकलांगता को दर्शाया जायेगा और उसकी मदद के लिये मिलने वाले धन से एक कोष बनाया जायेगा.
वर्मा का दावा है कि 22 साल बीत जाने के बाद भी उन्हें एक भी पैसा नहीं मिला जबकि खुर्शीद ने वही वीडियो क्लिप विदेश में दिखवाकर अपनी संस्था के लिए धन बटोरा.वर्मा ने बताया कि उन्होंने खुर्शीद से इस बाबत शिकायत की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इसके अलावा उन्होंने इस सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अक्तूबर 2001 में कई पत्र लिखे लेकिन उन्होंने भी कोई जवाब नहीं दिया.
फर्रुखाबाद से आप के प्रत्याशी मुकुल त्रिपाठी ने बताया कि वर्मा की बेटी संसारवती को बायें पैर में पोलियो था. 14 मार्च 1992 को फर्रुखाबाद के जिला अस्पताल में उसका आपरेशन कराया गया लेकिन डाक्टरों की लापरवाही से उसका पोलियो तो ठीक नहीं हुआ, अलबत्ता उसकी दायी टांग जरुर काट दी गयी.
उन्होंने बताया कि टांग काटे जाने के बाद तबीयत खराब होने पर संसारवती को दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था जहां वह तथा उसका पिता खुर्शीद के संपर्क में आये थे.त्रिपाठी ने बताया कि फर्रुखाबाद की चिकित्सक डाक्टर रजनी सरीन ने उन्हें बताया कि उन्होंने संसारवती की विकलांगता को दर्शाती वीडियो क्लिप ब्रिटेन में देखी थी और उसके जरिये मदद की गुजारिश की जा रही थी.
त्रिपाठी ने बताया कि उनकी पार्टी की मांग है कि इस प्रकरण की सीबीआई से जांच करायी जाये, वह वीडियो क्लिप पीडित लडकी को सौंपी जाये और उससे हासिल की गयी पूरी मदद राशि पीडित को सौंपी जाये. साथ ही उसे सरकारी नौकरी भी दी जाये.