लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) का मुस्लिम चेहरा कहे जाने वाले वरिष्ठ काबीना मंत्री आजम खां ने मुसलमानों को बांटने की गहरी साजिश की आशंका व्यक्त की. उन्होने आज मुसलमानों से अपील की कि वे भारतीय जनता पार्टी :भाजपा: नेता नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिये एकजुट हो जाएं.
खां ने यहां मदरसों के प्रबन्धकों तथा प्रधानाचार्यो के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा ‘‘मुसलमानों को बांटने की गहरी साजिश की जा रही है. अगर आप बंट गये तो केंद्र में मोदी की सरकार बन जाएगी हमें एकजुट रहना होगा’’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में जब भी सपा की सरकार बनती है तब ‘मजबूत ताकतें’ ऐसा माहौल बनाती हैं कि दंगे हों, बलात्कार हों और बेकसूरों के घर जलाए जाएं ऐसा सिर्फ सपा को बदनाम करने के लिये किया जाता है.
मीडिया पर हमला करते हुए खां ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों के जख्म जब भरने की स्थिति में आते हैं तो वह (मीडिया) ऐसा माहौल बनाते हैं कि जख्म फिर हरे हो जाते हैं. उन्होंने कहा ‘‘मेरे खिलाफ स्टिंग आपरेशन करने वाला मीडिया उस वक्त कहां था जब एक लाख लोगों की भीड़ ने घरों पर हमला किया, उन्हें जलाया, औरतों की आबरु लूटी. उस वक्त वह (मीडिया) मोदी को प्रधानमंत्री बनाने में लगा था’’ खां ने स्पष्ट किया कि मुजफ्फरनगर में पिछले साल सितम्बर में हुए साम्प्रदायिक दंगों में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं थी हो सकता है कि कुछ अफसरों ने लापरवाही की हो लेकिन सरकार ने हालात सम्भालने की भरसक कोशिश की थी.
दंगा राहत शिविरों में रहने वालों को ‘षड्यंत्रकारी’ करार देने की सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की टिप्पणी सम्बन्धी खबरों पर खां ने कहा कि यादव ऐसा कह ही नहीं सकते और यह उनके खिलाफ साजिश थी उन्होंने दावा किया कि मुलायम देश के ऐसे एकमात्र हिन्दू नेता हैं जिनके लिये मस्जिदों में दुआएं की जाती हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) संस्थापक कांशीराम का नाम लिये बगैर तंज कसते हुए खां ने कहा ‘‘एक नेता ने अयोध्या में शौचालय बनवाने की वकालत की थी इबादतगाह में शौचालय बनवाने की बात करते थे इबादतगाह की जगह इबादतगाह ही बननी चाहिये. हमने बाबरी मस्जिद पर अपना दावा अभी छोड़ा नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि 30 अक्तूबर 1990 के बाद मुलायम सिंह यादव निर्विवाद रुप से मुसलमानों के नेता बन गये थे.
सच्चर समिति की सिफारिशों का जिक्र करते हुए खां ने कहा कि केंद्र सरकार इस समिति की सिफारिशों के अनुरुप मुसलमानों को आरक्षण देने के सिलसिले में विधेयक लाए. तब सबके इरादे साफ हो जाएंगे तब हम देखेंगे कि कौन उसका विरोध करेगा कांग्रेस के पास अब भी वह विधेयक लाने का वक्त है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और मीडिया की साजिश की वजह से मुसलमानों ने खुद को दोयम दज्रे का नागरिक मान लिया है. खां ने कहा ‘‘हम जेलों में बंद बेकसूर मुसलमानों से मुकदमे वापस लेना चाहते थे लेकिन मीडिया ने ऐसा माहौल बनाया कि सरकार को कदम वापस खींचना पड़ा.’’ उन्होंने मदरसों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अड्डे करार देने के भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के कथित बयान की भी तीखी आलोचना की.