मुजफ्फरनगर: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) ने मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी पर चिंता प्रकट की है और कहा है कि दंगाप्रभावितों में विश्वास बहाल करने की दिशा में यह जरुरी कदम है.
आयोग की सदस्य प्रो. फरीदा अब्दुल खान ने कहा, ‘‘बलात्कार के छह मामलों के 27 आरोपियों में एक भी व्यक्ति घटना के दो महीने बाद भी नहीं गिरफ्तार किया गया है. ’’उन्होंने कहा कि पीड़ितों में इस बात का डर है कि आरोपी गिरफ्तार नहीं किए जाएंगे. उन्होंने गैर सरकारी संगठनों से दंगाप्रभावितों के पुनर्वास के लिए काम करने की अपील की.
खान ने कहा, ‘‘विश्वास पैदा होने के बाद ही उन्हें अपने अपने गांव जाना चाहिए.’’उन्होंने लोई, शाहपुर, बासीकला और कुतबा के राहत शिविरों का दौरा भी किया जहां दंगे के दौरान एक महिला समेत आठ व्यक्ति मारे गए थे.