।। राजेन्द्र कुमार ।।
लखनऊ : उम्मीद के अनुसार ही वाल्मीकि समाज को समाजवादी पार्टी से जोड़ने की रणनीति के तहत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूबे में 40 हजार सफाई कर्मियों की भर्ती करने का एलान कर दिया. इसके अलावा उन्होंने ठेकेदारी के माध्यम से काम करने वाले सफाईकर्मियों को अब 120 की बजाय 250 रुपये प्रतिदिन दिए जाने तथा मैनहोल में उतरने पर जहरीली गैस से मौत होने पर सरकार सफाईकर्मी के आश्रितों को पांच लाख रुपये देने की घोषणा भी की. संविदा पर कार्यरत सफाई कर्मचारियों को नियमित करने और उनकी अन्य मांगों पर विचार करने के लिए सरकार ने हाई पावर्ड कमेटी गठित करने का भी एलान किया.
यहां आयोजित सफाई कर्मचारियों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की. इसके पूर्व मुलायम सिंह यादव की सरकार में 65 हजार सफाईकर्मियों की भर्ती करने का निर्णय हुआ था. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सम्मेलन में आए लोगों को यह याद दिलाया और दावा किया कि आगे भी सूबे की सपा सरकार वाल्मीकि समाज की समस्याओं का निदान त्वरित गति से करने का प्रयास करेगी.
मुख्यमंत्री का कहना था कि कस्बों एवं नगरों के आकार में वृद्धि हो रही है. किसी भी नगर एवं कस्बे को अच्छा बनाने के लिए उसे साफ-सुथरा रखना आवश्यक है. ऐसे में सफाई कर्मचारियों का महत्व काफी बढ़ जाता है. उन्होंने सफाई कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी सुख-सुविधाओं के साथ-साथ उनके कार्य करने की परिस्थितियों में भी सुधार लाने का प्रयास कर रही है.
इस मौके पर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वाल्मीकि समाज सबसे निचले स्तर पर माना जाने वाला वर्ग था, लेकिन अब यह समाज किसी से पीछे नहीं है, क्योंकि यह राजनीतिक रूप से जाग चुका है. उन्होंने नगरों को निरोग एवं स्वच्छ बनाने में इस वर्ग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इनका कार्य सराहनीय एवं सम्मानीय है.
रैली को सम्बोधित करते हुए नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कहा कि वाल्मीकि समाज जमाने की दौड़ के साथ अपने आपको तैयार करे और आगे बढ़े. आजम खां ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में ही वाल्मीकि जयन्ती पर अवकाश घोषित किया गया था. इसके साथ ही इस समाज की महिलाओं के कार्य के लिए निर्धारित समय को अव्यावहारिक मानते हुए तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने कार्य के लिए व्यावहारिक समय निर्धारित किया था, जिससे इस समाज के बच्चे भी अन्य वर्गों की तरह स्कूल जाने से वंचित न रह जाएं.
आजम खां ने बसपा सरकार में वाल्मीकि समाज की किस तरह से अनदेखी की गई थी, इसका भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बसपा ने वाल्मीकि समाज को वोटबैंक की तरह यूज किया और इस समाज के भले के लिए कुछ भी नहीं किया.