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सपा नेता राजाराम की मौत, अखिलेश मंत्रिमंडल का विस्‍तार टला

।।राजेन्द्र कुमार।। लखनऊ:समाजवादी पार्टी के नेता राजाराम पांडे का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. राजराम पांडे अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. कुछ दिनों पहले अखिलेश यादव ने उन्‍हें अपने मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था.राजाराम पांडे बीते कुछ दिनों से बेहद तनाव में थे. राजाराम की मौत के बाद यूपी मंत्रिमंडल […]

।।राजेन्द्र कुमार।।

लखनऊ:समाजवादी पार्टी के नेता राजाराम पांडे का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. राजराम पांडे अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. कुछ दिनों पहले अखिलेश यादव ने उन्‍हें अपने मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था.राजाराम पांडे बीते कुछ दिनों से बेहद तनाव में थे. राजाराम की मौत के बाद यूपी मंत्रिमंडल का विस्तार टल गया है.

आज अखिलेश यादव अपने मंत्रिमंडल का पांचवां विस्तार करने जा रहे थे. सूत्रों से खबर है कि राजाराम पांडे को ये जानकारी मिल चुकी थी कि इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें जगह नहीं दी जा रही है. इससे राजाराम पांडे बेहद मायूस हो गए थे.उन्हें गुरुवार की रात दिल का दौरा पड़ा. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया. लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई.

परिवारिक सूत्रों के अनुसार, उन्हें अंतिम संस्कार के लिए उनके गृह जनपद प्रतापगढ़ ले जाया जायेगा. इस बीच, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पाण्डेय के निधन पर सरकार और सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) की तरफ से गहरा शोक प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सपा और उसकी सरकार पाण्डेय के परिवार के साथ है.

सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने भी राजाराम पाण्डेय के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह पार्टी के लिये अपूरणीय क्षति है. विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने भी पाण्डेय के निधन पर दुख प्रकट किया.

गौरतलब है कि राजाराम पाण्डेय को मौजूदा अखिलेश सरकार में खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री बनाया गया था लेकिन विवादों के चलते बाद में उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

गौरतलब है कि इसी माह 11 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को फिर से अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था. अखिलेश सरकार के चौथे विस्तार में राजा भैया को कैबिनेट मंत्री बनाते हुए भी बुंदेलखंड से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया. जबकि इस क्षेत्र से अखिलेश सरकार में एक भी मंत्री नही था. यह हाल भी तब है जब बसपा, काग्रेस और भाजपा का सियासी फोकस इस क्षेत्र की ओर है. वही दूसरी तरफ चार सीटों वाले इस इलाके की बांदा संसदीय सीट से सपा के मौजूदा सांसद आरके पटेल का पार्टी ने टिकट काट दिया और वह बसपा में चले गए हैं. अब चर्चा है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की पहल पर बुंदेलखंड की नुमाइंदगी भी अखिलेश सरकार में शुक्रवार को दिखेगी.

इसके अलावा मुजफ्फरनगर के दंगे को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा का जो जनाधार दरका है, उसकी भरपायी के लिए क्षेत्र की नुमाइंदगी कर रहे मुस्लिम और अन्य जातियों के मंत्रियों में से कुछ का दर्जा ऊंचा किया जाएगा. चर्चा यह भी है कि बदले राजनीतिक परिदृश्य में सीएम जातीय संतुलन साधने के लिए दो ब्राह्मण मंत्रियों का कद भी ऊंचा करे सकते हैं.

दरअसल, विधानसभा चुनाव में सपा ब्राह्मणों को 42 टिकट दिये थे, जिनमें से आधे से अधिक चुनाव जीते. फिर भी मंत्रिमंडल में सिर्फ एक कैबिनेट, एक स्वतंत्र प्रभार और तीन राज्यमंत्री समेत पांच को हिस्सा मिला. अब जब भाजपा, काग्रेस और बसपा जिस तरह से ब्राह्मंणों पर डोरे डाल रही है, उसकी काट और इस वर्ग के बड़े तबके को साधने के लिए सीएम यह दांव चल सकते हैं. फिलहाल शनिवार की सुबह यह खुलासा होगा कि मुख्यमंत्री के राजनीतिक दांव में किसे मंत्री बनने का मौका मिलेगा. फिलहाल राजा राम पाण्डेय, नरेश उत्तम, शाहिद मंजूर, यासिर शाह को मंत्री बनाए जाने की चर्चा सपा खेमे में हो रही है.

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