इलाहाबाद : विजयदशमी के मौके पर मां दुर्गा की प्रतिमाओं को गंगा और यमुना में विसजर्न की इजाजत देने से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के इनकार ने जिला प्रशासन को परेशानी में डाल दिया है क्योंकि त्योहार के आयोजन से जुड़े लोगों ने दशहरा से पहले उपयुक्त वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए जाने की स्थिति में आंदोलन की धमकी दी है.न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति अरुण टंडन की एक खंड पीठ ने 7 अक्तूबर को प्रतिमाओं के गंगा या यमुना में विसजर्न पर लगे प्रतिबंध में ढील देने से इनकार कर दिया था. पीठ गंगा में प्रदूषण पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
गौरतलब है कि अदालत ने पिछले साल 6 नवंबर को कहा था कि 2013 से इन दोनों नदियों में प्रतिमाओं का विसजर्न नहीं होना चाहिए. जिला प्रशासन ने अनुरोध किया था कि प्रतिमाओं के इस साल नदी में विसजर्न के लिए इजाजत दी जाए और फिर इन्हें बाहर निकाला जाए और इसके बाद इन्हें शहरी इलाके से बाहर के स्थान पर भेज दिया जाए.हालांकि, अदालत ने इस सुझाव को खारिज करते हुए कहा था कि इस तरह की व्यवस्था शुरु किए जाने से श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होंगी और कानून एवं व्यवस्था की एक गंभीर समस्या पैदा होगी. साथ ही, प्रतिमा को डुबोये जाने पर इसमें मौजूद सभी प्रदूषक तत्व नदी के जल में घुल जायेंगे.