लखनऊ:भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच छिड़ी राजनीतिक जंग का गवाह अब यूपी भी बनेगा. इस सूबे में राहुल गांधी अब बड़ी-बड़ी रैलियां कर नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधेंगे. सोमवार को राहुल गांधी के अमेठी पहुंचने के कुछ घंटों भीतर ही कांग्रेस के रणनीतिकारों ने राहुल की रैलियों का कार्यक्रम तय कर दिया.
इसके अनुसार नरेन्द्र मोदी की यूपी में घोषित रैली के ठीक पहले राहुल गांधी नौ अक्टूबर को अलीगढ़ और रामपुर में रैली कर अपनी ताकत का अहसास तो कराएंगे ही मोदी द्वारा कांग्रेस और यूपीए सरकार पर पर लगाए गए आरोंपों का वह जवाब भी देंगे. कहा यह भी जा रहा है कि रामपुर की रैली में राहुल गांधी सपा की निलंबित सांसद जयाप्रदा को काग्रेस में शामिल कर सपा को झटका भी देंगे. राहुल गांधी की इन रैलियों का कार्यक्रम आनन-फानन में तय हुआ है. पार्टी के बड़े नेताओं के अनुसार अब तक मोदी से आमने-सामने की राजनीतिक जंग में पार्टी को लगातार पिछड़ते देख कांग्रेस के रणनीतिकारों ने देश के सबसे बड़े राज्य में कांग्रेस का चुनावी अभियान भाजपा के अभियान से पहले ही शुरू करने का निर्णय लिया है.
जिसके तहत राहुल सूबे में आठ रैलियां करेंगे. पहली रैली अलीगढ़ और रामपुर में होगी. यूपी कांग्रेस प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री और प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री ने सूबे में राहुल गांधी की होने वाली रैलियां का खाका तैयार होने का दावा किया है. इन नेताओं के अनुसार रैलियों के माध्यम से राहुल गांधी यूपीए सरकार की उपलब्धियों के साथ भूमि अधिग्रहण कानून, खाद्य सुरक्षा बिल, आरटीआई, मनरेगा, सबको शिक्षा जैसे कार्यक्रम को जन जन तक पहुंचाएंगे. इसके साथ ही गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का जवाब भी राहुल गांधी इन रैलियों में देंगे.
यूपी सरकार के कामकाज पर भी राहुल गांधी रैली में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे. इस दौरान राहुल गांधी यह दावा भी यूपी के लोगों से करेंगे वह यहां के लोगों के हर दुखदर्द में शामिल होते रहे हैं. फिर चाहे वह भट्टा पारसौल में किसानों पर हुई फायरिंग का मामला हो या फिर मुजफ्फरनगर में हुए दंगे की घटना अथवा प्रतापगढ़ में मारे गए सीओ जियाउल हक के घर जाने का मामला. सभी मौकों पर राहुल ही सबसे पहले पहुंचे. राहुल के रणनीतिकारों का मत है कि नरेन्द्र मोदी का यूपी के लोगों के साथ ऐसा जुड़ाव नहीं रहा है और यह राहुल गांधी के लिए बेहतर है. ऐसे में नरेन्द्र मोदी की घोषित रैली के पहले ही राहुल गांधी के रैलियां शुरू होने से राहुल को सुनने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचेंगे.
राहुल गांधी की इन रैलियों के कार्यक्रम की जानकारी होने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि मोदी की घोषित रैलियों से डरी कांग्रेस ने आनन-फानन में राहुल की रैली आयोजित कराई है. भाजपा को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. ये कांग्रेस की घबराहट और बेचैनी का प्रमाण है. हमारा लक्ष्य तो उस दिन पूरा होगा जिस दिन केन्द्र से संप्रग के नेतृत्व वाली सरकार को उखाड़ कर नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाएंगे. गौरतलब है कि इसके पहले भाजपा ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यूपी में 9 रैलियां कराने की घोषणा की थी. जिसमें 19 अक्टूबर को कानपुर, 25 अक्टूबर को झांसी तथा 8 नवंबर को बहराइच में घोषित थी. इसके अलावा गोरखपुर, वाराणसी, आगरा, बरेली, मेरठ में रैलियां प्रस्तावित हैं. अंतिम में महारैली पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिन के एक दिन पूर्व उनके संसदीय क्षेत्र लखनऊ में 28 नवंबर को प्रस्तावित है. लक्ष्मीकांत बाजपेयी का दावा है कि राहुल गांधी और यूपीए सरकार से देश के लोगों का भ्रम दूर हो गया, राहुल की रैलियों में यह दिखाई भी देगा.
।।राजेन्द्र कुमार।।