13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अपनी कर्मभूमि में भतीजे के लिए वोट मांग रहे हैं मुलायम

।।राजेन्द्र कुमार।। मैनपुरी समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि है. तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यहां किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उनके राजनीतिक रूतबे को लेकर यहां लोग गर्व महसूस करते हैं, क्योंकि मुलायम सिंह की वजह से ही मैनपुरी को वीआईपी स्टेटस मिला हुआ है. मुलायम […]

।।राजेन्द्र कुमार।।

मैनपुरी समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि है. तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यहां किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उनके राजनीतिक रूतबे को लेकर यहां लोग गर्व महसूस करते हैं, क्योंकि मुलायम सिंह की वजह से ही मैनपुरी को वीआईपी स्टेटस मिला हुआ है. मुलायम सिंह ने इस इलाके की सूरत बदली. सड़क, शिक्षा और लोगों के इलाज का यहां पर बेहतर इंतजाम किया.

चौबीस घंटे बिजली मिलने का सुख यहां के लोगों को मुलायम सिंह की वजह से नसीब हुआ है. इसके बाद भी मुलायम सिंह को अपने 26वर्षीय भतीजे तेज प्रताप सिंह यादव उर्फ तेजू को मैनपुरी संसदीय सीट से चुनाव जिताने के लिए जनता के हाथ जोड़ने पड़ रहे हैं. अपनी जनसभाओं में मंच से हाथ जोड़कर मुलायम सिंह को अपने भतीजे तेजू को चुनाव जिताने की अपील करनी पड़ रही है. इसकी एक वजह केंद्र की सत्ता पर भाजपा का काबिज होना तो है ही मैनपुरी सीट पर तेजू के हराने के लिए भाजपा नेताओं द्वारा तैयार किया गया जातीय चक्रव्यूह भी है.

भाजपा ने तेजू को हराने के लिए शाक्य जाति के उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. मुलायम सिंह जानते है कि भाजपा के इस दांव के चलते वोटों का बंटवारा होने का खतरा है. दरअसल मैनपुरी में कमरिया यादवों की संख्या अधिक है. मुलायम सिंह भी इसी बिरादरी से आते हैं. इस वजह से उन्होंने इस सीट को समाजवादी पार्टी का अभेद्य दुर्ग बना दिया है. वर्ष 1996 से मैनपुरी की लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के पास है. बीते लोकसभा चुनावों में मुलायम सिंह ने आजमगढ़ और मैनपुरी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था. दोनों सीटों से वह जीते और बाद में मुलायम सिंह ने मैनपुरी संसदीय सीट से इस्तीफा देकर अपने भाई दिवंगत रणवीर सिंह के पुत्र तेज प्रताप सिंह उर्फ तेजू को मैनपुरी संसदीय सीट से सपा का उम्मीदवार घोषित कर दिया. तो राजनीति के जानकारों ने माना कि अपने दबदबे वाली इस सीट पर मुलायम सिंह अपनी तीसरी पीढ़ी का आसानी से चुनाव जिता कर संसद तक पहुंच देंगे.
परन्तु मैनपुरी सीट पर होने वाले उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस का उम्मीदवार ना खड़ा करने के चलते यहां सीधा मुकाबला अब सपा और भाजपा के बीच हो गया है. इसके चलते इस उपचुनाव में यहां की सियासी तस्वीर थोड़ी बदली है क्योंकि मैनपुरी में यादवों के अलावा करीब तीस प्रतिशत शक्य मतदाता हैं. करीब सात प्रतिशत घोषी मतदाता है, जिन्हें कमरिया यादवों का विरोधी माना जाता है. घोषियों का यह विरोध कई वर्षों से मैनपुरी में देखा जाता रहा है. जाटव मतदाता भी इस सीट पर खासे हैं. उनका प्रतिशत करीब आठ है. यदि बीते लोकसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डाले तो पता चलता है कि इस सीट पर सपा प्रमुख को मुलायम सिंह को पांच लाख 95 हजार 918 मत मिले थे.
जबकि भाजपा को दो लाख 31 हजार 252 और बहुजन समाज पार्टी को एक लाख 42 हजार 833 मत. इस चुनाव परिणाम के आधार पर भाजपा के रणनीतिकारों ने मैनपुरी सीट से प्रेम सिंह शाक्य को उम्मीदवार बनाकर जातिगत गणित का दांव चल दिया.प्रेम सिंह पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे हैं पर उनके साथ भाजपा के तमाम वरिष्ट नेताओं की फौज सपा के तेजू को चुनौती दे रही है. राजनीति के माहिर उस्ताद मुलायम सिंह भाजपा नेताओं द्वारा तेजू के खिलाफ खेल जा रहे जातिगत खेल को भांप रहे हैं. इसी लिए उन्होंने बड़े सलीके से भाजपा के जातीय चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए पहले मैनपुरी में कराए गए विकास कार्यों को चुनावी मुददा बनाया. अखिलेश सरकार द्वारा यहां कराए गए कार्यों की जानकारी देने वाले पर्चे गांव गांव बटवाए. अपने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी.
फिर खुद वह यहां चुनाव प्रचार करने रविवार को पहुंच गए. यहां मुलायम सिंह ने भाजपा नेताओं के हौसले बुलंद होने की भनक मिली तो अपनी चुनावी सभाओं में मुलायम सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झूठा और ठग तक कह डाला. मुलायम के अनुसार नरेन्द्र मोदी ने झूठ बोलकर और लोगों को बहकाकर चुनाव जीता है और सत्ता पर काबिज होने के बाद से एक भी वादा मोदी ने पूरा नहीं किया है. वही हमने मैनपुरी में विकास कार्य कराए. आगे भी हम मैनपुरी का ध्यान रखेंगे.
यहां के लोगों से यह वायदा करते हुए मुलायम सिंह कहते हैं कि मैनपुरी को हम कभी नहीं छोड़ेंगे. यहां विकास के लिए खूब पैसा दिया है और मुझे यहां की जनता पर पूरा भरोसा है. मुलायम सिंह के इस रूख पर मैनपुरी तंबाकू के बड़े कारोबारी उमेश चौरसिया कहते हैं कि मुलायम राष्ट्रीय नेता हैं और यहां उन्हें हराने को लेकर कोई नहीं सोचता. मुलायम के प्रति लोगों का यही स्नेह मुलायम को यहां मजबूत किए है. यहां का सामाजिक समीकरण मुलायम के साथ हैं. बहुत से लोग सरकार के विरोध में हैं पर कमजोर विपक्ष के चलते वह सरकार के विरोध में नहीं खड़े होना चाहते क्योंकि ऐसा करने से मैनपुरी का वीआईपी स्टेटस छिनेगा और यहां के लोग यह नहीं चाहते. इसलिए 13 सितंबर को मतदान के दिन भाजपा की राह यहां इस बार आसान होगी, यह कोई नहीं मान रहा है.
कौन कब-कब जीता
1952 बादशाह गुप्ता कांग्रेस
1957 बंशीदास धनगर प्रसोपा
1962 बादशाह गुप्ता कांग्रेस
1967 महाराज सिंह कांग्रेस
1971 महाराज सिंह कांग्रेस
1977 रघुनाथ सिंह वर्मा लोकदल
1980 रघुनाथ सिंह वर्मा जनता पार्टी
1984 बलराम सिंह यादव कांग्रेस
1989 उदय प्रताप सिंह जद
1991 उदय प्रताप सिंह जपा
1996 मुलायम सिंह यादव सपा
1998 बलराम सिंह यादव सपा
1999 बलराम सिंह यादव सपा
2004 मुलायम सिंह यादव सपा
2004 धम्रेन्द्र यादव (उपचुनाव) सपा
2009 मुलायम सिंह यादव सपा
2014 मुलायम सिंह यादव सपा
कुल मतदाता ::::::::: 1607635
पुरूष मतदाता ::::::::::: 875861
महिला मतदाता ::::::::::: 731749
पोलिंग स्टेशन ::::::::::: 1937

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें