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अब नमो की राह पर चलेगी अखिलेश सरकार

।।राजेन्द्र कुमार।। लखनऊः लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार से तिलमिलायी सूबे की अखिलेश सरकार जनता के बीच अपनी सरकार का इकबाल कायम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राह पर चलेगी. हालांकि लोकसभा चुनावों के दौरान सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने नरेन्द्र मोदी को फ्राड नेता और अखिलेश यादव ने उनके गुजरात […]

।।राजेन्द्र कुमार।।

लखनऊः लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार से तिलमिलायी सूबे की अखिलेश सरकार जनता के बीच अपनी सरकार का इकबाल कायम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राह पर चलेगी. हालांकि लोकसभा चुनावों के दौरान सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने नरेन्द्र मोदी को फ्राड नेता और अखिलेश यादव ने उनके गुजरात माडल को धोखा बताया था.

परन्तु अब अखिलेश यादव नरेन्द्र मोदी के गुजरात माडल की तर्ज पर यूपी में गुड गवर्नेंस का तंत्र बनाएंगे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह अखिलेश यादव भी फेसबुक और ट्विटर के जरिए जनता से संवाद करेंगे. ताकि जनता तक सीधे सरकार के छोटे बड़े फैसलों की जानकारी पहुंचायी जा सके.सूबे के आला अधिकारियों के अनुसार लोकसभा चुनावों के दौरान नरेन्द्र मोदी ने जनता के बीच अपनी बात रखने के लिए फेसबुक और ट्विटर का बेहतर उपयोग किया. प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए अपनी सरकार की मंशा को फेसबुक और ट्विटर के जरिए उजागर किया.

वही अखिलेश सरकार अपने ढाई साल के शासनकाल में लिए गए तमाम बेहतर फैसलों की जानकारी जनता तक नहीं पहुंचा सकी. अखिलेश कहते हैं कि उनकी सरकार के काम को बहुत किए पर जनता को बता नहीं पाए. वही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की सत्ता पर काबिज होने के बाद से ट्विटर के जरिए सरकार के हर फैसले के बारे में जनता को बताया. तो अखिलेश यादव सहित तमाम नेताओं ने मोदी के सोशल मीडिया पर इस तरह से अपना बयान जारी करने खिल्ली उडाई. अखिलेश यादव ने तब कहा था कि ट्विटर मतलब चोंच लड़ाना पर जब नरेन्द्र मोदी के ट्विटर पर जारी बयान को लाखों लोगों ने लाइक किया तो अखिलेश को सोशल मीडिया की ताकत का अहसाह हुआ. फिर आनन फानन में अखिलेश यादव ने भी नरेन्द्र मोदी की तर्ज पर अपनी सरकार के फैसलों को सोशल मीडिया के जरिए जनता तक पहुंचाने के निर्देश मुख्य सचिव आलोक रंजन को दिए.

इसी के बाद मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सोशल मीडिया के प्रभावी प्रयोग के लिए सभी अधिकारियों को विभागवार नोडल अधिकारी नामित करने को कहा. नामित नोडल अधिकारी अपने प्रमुख सचिव के जरिए महत्वपूर्ण सूचनाओं को उसी दिन हिंदी व अंग्रेजी में सूचना व जनसंपर्क विभाग के ई-मेल पर भेजेंगे. जिन्हें फेसबुक और ट्विटर पर प्रसारित किया जाएगा. विभागों को जनहित से जुडे़ फैसलों, योजनाओं व उपलब्धियों के बारे में 15 दिनों में कम से कम एक बार ट्वीट या पोस्ट भेजना अनिवार्य होगा. सूचना निदेशक नामित नोडल अधिकारी के जरिए इसे पोस्ट कराएंगे.

इसी तरह मुख्यमंत्री अब गुजरात माडल की तर्ज पर सूबे के पब्लिक सर्विस डिलीवरी सिस्टम को सुधारने में जुटेंगे और अधिकारियों को जनता के बीच भेजकर उनकी समस्याओं का मौके पर निदान कराएंगे. जिसके तहत मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सूबे की प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार के लिए अधिकारियों योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने के निर्देश दिए है. अधिकारियों से कहा गया है कि शासन व सचिवालय स्तर पर आने वाली शिकायतों की बेहतर तरीके से सुनवाई हो. एक हफ्ते में इस संबंध में सिस्टम डवलप किया जाए. मुख्यमंत्री को लगता है कि गुजरात की तर्ज पर यूपी में गुड गवर्वेंस का तंत्र तैयार कर और सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए सरकार का इकबाल फिर जनता के बीच कायम करने में वह कामयाब होंगे.

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