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सीवान में पारा पहुंचा 43 पर आफत में जान

गर्मी के तल्ख तेवर ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर डाला है.तापमान ने लोगों का दिन का सुकून व रात का नींद छीन लिया है. सुबह नौ बजे ही सूरज के तल्ख तेवरों से गर्मी का अहसास होने लगता है.सोमवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया.

सीवान.गर्मी के तल्ख तेवर ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर डाला है.तापमान ने लोगों का दिन का सुकून व रात का नींद छीन लिया है. सुबह नौ बजे ही सूरज के तल्ख तेवरों से गर्मी का अहसास होने लगता है.सोमवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. वहीं न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रहा.पिछले दस-बारह दिनों से यह स्थिति बनी है. आग उगल रहे सूर्य देव और तप रही धरती से आम जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है. दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसर रहा है. रूक रूक चल रही गरम हवा के झोंके और लू के थपेड़ों से लोग बचने के लिए छाते,टोपी या फिर गमछे से चेहरे को ढक घर से बाहर निकल रहे हैं. अस्पतालों में लू से प्रभावित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इस भीषण गरमी में लोग राहत पाने के लिए तरह – तरह के मौसमी फलों सहित इसके जूस का उपयोग कर रहे हैं. शाम ढलते ही बाजारों में ठंडे पेय पदार्थो की दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है. 10 बजे के बाद लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. सोमवार को भीषण गर्मी के चलते शहर के कई मार्गों पर सन्नाटा पसरा रहा. मौसम विभाग के मुताबिक आगामी एक सप्ताह तक मौसम इसी तरह से रहने का अनुमान है. चिकित्सकों की मानें तो गर्मी में शरीर से निकलने वाले पसीने से पानी की कमी हो जाती है.ऐसे में बीमार होने का अधिक खतरा रहता है. ठंडे पेय पदाथों की बढ़ी बिक्री भीषण गर्मी में लोग राहत पाने के लिए कोल्ड ड्रिंक्स, गन्ना, शिकंजी,नींबू- चीनी, मौसम्मी, तरबूज जैसे फलों के जूस का जमकर उपयोग कर रहे हैं. बाजार में तरबूज, ककड़ी, खीरा, लालमी, नारियल पानी जैसे कई फलों की बिक्री बढ़ गयी है. .. प्रतिदिन दोपहर बारह से चार बजे तक सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है. लोग दोपहर में अपने घरों या फिर ऑफिस व दुकानों में ही दुबके रहना पसंद कर रहे हैं. नतीजतन दोपहर होते ही सड़के वीरान हो रही है. वीरानी भी ऐसी कि सड़क पर इक्का- दुक्का वाहन ही नजर आते है. जिस तरह कोरोना काल में लोग लाकडाउन का पालन करते हुए घर में ही रहते थे. मौसम विभाग की माने तो इस बार गर्मी पिछली रिकार्ड तोड़ दी है.पिछले साल अप्रैल में मौसम सुहावना लग रहा था.उस समय प्री मानसून में अच्छी बारिश हुई थी.वही इस बार कम बारिश हुई है.इस बार मानसून के आने में देर होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. इस साल तापमान में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है.सोमवार को अधिकतम तापमान 43 व न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.मौसम के जानकार डा. मनोज कुमार गिरी ने बताया कि आगामी एक सप्ताह तक अधिकतम तापमान 43 से 44 और न्यूनतम तापमान 28 से 30 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है.वही प्रत्येक दिन तेज गर्म हवा चलेगी. गर्मी से बीमार होने लगे लोग भीषण गर्मी का सीधा असर लोगों के शरीर पर पड़ रहा है. गर्मी बढ़ते ही अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है.मौसम में बदलाव के साथ ही उल्टी-दस्त,वायरल बुखारे व पेट दर्द की बीमारी ने दस्तक दे दी है. गर्मी का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रहा है. गर्मी के कारण उल्टी दस्त, बुखार, पेट में दर्द, सांस की बीमारी आदि रोग बच्चों में हो रहे हैं. ज्यादातर बच्चे उल्टी दस्त के अलावा वायरल फीवर से भी परेशान हो रहे हैं.रोजाना 10-15 बच्चे सरकारी अस्पताल में गर्मी से होने वाली बीमारी से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं. इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीज उपचार करा रहे हैं. गर्मी के चलते 30 प्रतिशत तक बढ़े सब्जियों के दाम गर्मी का असर बाजार में देखने को मिल रहा है. सब्जियां 30 प्रतिशत तक महंगी हो गई हैं. लोग जहां पहले कम कीमत में झोला भर लेते थे. अब आधा-पाव किलो ही सब्जी लेनी पड़ रही है.गर्मी अधिक पड़ने पर आने वाले दिनों में सब्जी और अधिक महंगी हो सकती है.सब्जी की कीमत बढ़ने की वजह सब्जियों का कम उत्पादन होना बताया जा रहा है.सब्जी विक्रेता शर्मा प्रसाद ने बताया कि गर्मी के कारण सब्जी उत्पादकता घट गई है.आलू व प्याज का उत्पादन कम हुआ है.बाजार में बहुत कम सब्जी पहुंच रही है. किसान जवाहर सिंह,चन्द्रमा भगत व रामाशीष कुशवाहा ने बताया कि मजबूरी के कारण खेती कर रहे है.गर्मी पड़ने से सब्जी विकसित नहीं हो पा रही है.पटवन करने में असमर्थ है. सब्जी की खेती करने पर प्रति कट्ठा दो हजार लागत आ रही है. इसमें 15 किलो उत्पादन हो रहा है. किसानों ने बताया कि इस साल प्रचंड गर्मी से भिंडी, परवल, बैंगन, खीरा, करैला, कद्दू आदि मौसमी सब्जियों की फसल बर्बाद होने के कगार पर है.

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