चाईबासा : चाईबासा नगर परिषद के वार्ड नंबर 9 के कुम्हारटोली में पांच सार्वजनिक नल होने के बावजूद लोग जल संकट से जूझ रहे हैं. यहां के चार नल ठीक है. एक नल पर अतिक्रमण कर लिया गया है. सरकारी नल में रात के 12 बजे पानी आता है. इस कारण पानी भरने में परेशानी […]
चाईबासा : चाईबासा नगर परिषद के वार्ड नंबर 9 के कुम्हारटोली में पांच सार्वजनिक नल होने के बावजूद लोग जल संकट से जूझ रहे हैं. यहां के चार नल ठीक है. एक नल पर अतिक्रमण कर लिया गया है. सरकारी नल में रात के 12 बजे पानी आता है. इस कारण पानी भरने में परेशानी होती है. वार्ड के अधिकांश लोग दिहाड़ी मजदूर हैं.
वार्ड में 18 चापाकल है, जिसमें दो खराब है. इससे नमकीन पानी निकलता है. लोगों ने बताया कि वार्ड के कुछ संपन्न लोग सुबह में मोटर चालू कर देते हैं. इससे स्टैंड पोस्ट नल में पानी नहीं गिरता है. इसके कारण दिन में लोगों को पानी नहीं मिलता है. दिन में लोग चापाकल के भरोसे रहते हैं. नहाने के लिए लोग रोरो नदी जाते हैं.
पाइप लाइन बिछाने का काम 20 प्रतिशत बाकी: वार्ड में 20 प्रतिशत पाइप लाइन बिछाने का काम बाकी है. पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा होने पर परेशानी खत्म हो जायेगी. जागरुकता की कमी में लोग घरों का कचरा नाली में डाल देते हैं. कुछ लोगों ने नालियों पर अतिक्रमण कर लिया है. – दिनेश लाल, वार्ड पार्षद
सुबह में कुछ संपन्न लोगों द्वारा मोटर चालू करने पर सरकारी नल से नहीं गिरता है पानी
क्या कहते हैं वार्डवासी
रात में नींद नहीं खुलने पर चापाकल का नमकीन पानी पीते हैं : वार्ड के लक्खी मुंडा ने कहा कि रात 12 बजे सप्लाई नल में पानी आता है. बीच रात में उठकर पानी भरना पड़ता है. दिनभर मजदूरी के कारण अगर रात 12 बजे नींद नहीं खुली, तो चापाकल के नमकीन पानी से खाना बनाते हैं. इससे खाना जल्दी खराब हो जाता है.
सफाई के अभाव में नालियां जाम: सुशील लकड़ा ने कहा कि साफ-सफाई के अभाव में नालियों में कचरा भर गया है. बरसात में नाली का कचरा सड़क पर बहता है. इससे लोगों को परेशानी होती है. वार्ड पार्षद कभी-कभी नालियों की सफाई करवाते हैं. गंदगी के कारण मच्छर का प्रकोप बढ़ गया है. रात में बिना मच्छरदानी के सोना मुश्किल हो जाता है.
वार्ड में पानी सबसे बड़ी समस्या
चंद्रदेवी बरहा ने कहा कि घर का कचरे डालने के लिए वार्ड पार्षद ने घर-घर में एक-एक डस्टबिन दिया है. वार्ड में मुख्य समस्या पीने का पानी है. जो रात को नहीं जागते हैं, उन्हें पानी नहीं मिलता है. लोगों ने बताया कि आधे घंटे ही पानी दिया जाता है.