पश्चिम सिंहभूम में सबसे अधिक शून्य ड्रॉपआउट पंचायत
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सरकार दे रही हर सुविधा फिर भी ड्रॉपआउट चिंतनीय
पश्चिम सिंहभूम में सबसे अधिक शून्य ड्रॉपआउट पंचायत चक्रधरपुर : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार की सचिव अाराधना पटनायक ने बुधवार को चक्रधरपुर व बंदगांव में प्रखंड स्तरीय विद्यालय चलें-चलायें अभियान-2017 की शुरुआत की. चक्रधरपुर में मारवाड़ी प्लस टू उच्च विद्यालय में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए सचिव श्रीमती पटनायक उन्होंने कहा […]
चक्रधरपुर : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार की सचिव अाराधना पटनायक ने बुधवार को चक्रधरपुर व बंदगांव में प्रखंड स्तरीय विद्यालय चलें-चलायें अभियान-2017 की शुरुआत की. चक्रधरपुर में मारवाड़ी प्लस टू उच्च विद्यालय में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए सचिव श्रीमती पटनायक उन्होंने कहा कि उक्त अभियान का उद्देश्य जीरो ड्रॉप आउट पंचायत, प्रखंड, जिला व राज्य बनाना है. यह अभियान एक चुनौती है.
वर्तमान में 5.1 ड्रॉप आउट दर है. इसे शून्य करना है. नि:शुल्क शिक्षा के साथ बच्चों की सभी जरूरतें भी पूरी की जा रही हैं. बावजूद ड्रॉप आउट की दर नहीं घट रही है. इस पर मंथन की आवश्यकता है. कहा कि सबसे ज्यादा पश्चिमी सिंहभूम जिला के पंचायतों को शून्य ड्रॉप आउट का दर्जा दिया गया है. चक्रधरपुर का गुलकेड़ा पंचायत पहला शून्य ड्रॉपआउट पंचायत बना है. दूसरे नंबर पर रांची जिला है.
मारवाड़ी स्कूल में बनेगा अतिरिक्त भवन: शिक्षा सचिव ने कहा कि चक्रधरपुर के मारवाड़ी प्लसटू स्कूल में 1,950 बच्चे नामांकित हैं. किसी भी सरकारी स्कूल के लिए इतना नामांकन एक उपलब्धि है. सभी बच्चों को बैठने के लिए अतिरिक्त वर्ग कक्ष का निर्माण किया जायेगा. इसका प्रस्ताव मांगा गया है, प्रस्ताव आते ही स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी. हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा मई में : शिक्षा सचिव ने कहा कि हाइस्कूल में शिक्षकों की नियुक्त की प्रक्रिया जारी है. आवेदन जमा लिया जा रहा है. मई में नियुक्त परीक्षा ली जायेगी. इसके बाद शिक्षकों की कमी दूर हो जायेगी.
आंगनबाड़ी केंद्र बंद नहीं होगा: शिक्षा सचिव ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिशु सदन में चार साल से अधिक आयु के बच्चों का नामांकन लिया जायेगा. इससे कई जगह भ्रम है कि आंगनबाड़ी केंद्र बंद कर दिया जायेगा. आंगनबाड़ी केंद्र में पहले 3 से 5 साल तक के बच्चों का नामांकन होता था, लेकिन अब वहां से केवल 5 साल के बच्चों का नामांकन शिशु सदन में होगा. 3 व 4 साल के बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में ही शिक्षा हासिल करेंगे. शिशु सदन के बच्चों को खेल खेल में शिक्षा दी जायेगी.
दो तरह के झंडा लहरायें : उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान दो तरह के झंडे लहरा कर संकेत देना जरूरी है. इसमें सफेद झंडा शत प्रतिशत नामांकन, जबकि नीला झंडा जीरो ड्रॉप आउट का प्रतीक होगा. स्कूल, पंचायत, प्रखंड, अनुमंडल, जिला जो भी इस दायरे में आयेगा, वहां झंडा लहराया जाना अनिवार्य है.
शिक्षकों को बीएलओ कार्य से हटाने वाला झारखंड पहला राज्य:
शिक्षा सचिव ने कहा कि झारखंड पहला राज्य है. जहां शिक्षकों को बीएलओ के कार्य से हटाया गया है. आदेश जारी होने के बाद भी कई स्थान में शिक्षकों से बीएलओ का कार्य लिये जाने की सूचना है. इसकी जांच की जायेगी. कार्यशाला को एसडीअो दिब्यांशु झा, एएसपी अमन कुमार, आरडीडीइ अरविंद विजय बिलुंग, डीइओ प्रदीप चौबे, डीएसइ नीलम आइलीन टोप्पो, बीडीओ समीर रेनियर खलखो, आरईओ रामपति राम, बीईईओ तेजिंदर कौर, बीपीओ अजय कुमार, जिला परिषद सदस्य रतन लाल बोदरा, मुखिया पोंडेराम सामाड, एसएमसी अध्यक्ष जगदीश प्रधान ने संबोधित किये. कस्तूरबा बालिका विद्यालय सदर व चक्रधरपुर की बच्चियों ने तथा इप्टा नाट्य संस्था चाईबासा ने भी कार्यक्रम पेश किये.
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