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मां केरा मंदिर में घंटों भक्तों ने की पूजा, मांगी मन्नत

डाहणी डूबा घाट से निकली मां केरा की घट यात्रा, हुई पूजा-अर्चना चक्रधरपुर : ऐतिहासिक केरा मेला की शुरुआत सोमवार की देर रात यात्रा घट से हुआ. यात्रा घट लगभग रात साढ़े ग्यारह बजे डाहणी डूबा घाट से निकाली गयी. डाहणी डूबा घाट में मां केरा की पूजा-अर्चना की गयी. मान्यता है कि यात्रा घट […]

डाहणी डूबा घाट से निकली मां केरा की घट यात्रा, हुई पूजा-अर्चना

चक्रधरपुर : ऐतिहासिक केरा मेला की शुरुआत सोमवार की देर रात यात्रा घट से हुआ. यात्रा घट लगभग रात साढ़े ग्यारह बजे डाहणी डूबा घाट से निकाली गयी. डाहणी डूबा घाट में मां केरा की पूजा-अर्चना की गयी. मान्यता है कि यात्रा घट के साथ मां केरा स्वयं चलती है. पूरी पवित्रता के साथ यात्रा घट को घाट से निकाल कर मंदिर तक लाया गया.
केरा मंदिर में घंटों घट की पूजा-अर्चना की गयी. इसके बाद राजबाड़ी ले जाकर स्थापित किया गया. पुरोहित सुमंत नंदा व पुजारी दुर्गा चरण कर ने पूजा-अर्चना की. यात्रा घट को पूरे केरा गांव का भ्रमण कराया गया.यात्रा घट को पूरे गांव का परिभ्रमण कराने में करीब छह घंटा लगा. इस दौरान निर्जला उपवास रख कर मन्नत रखने वाले श्रद्धालुओं ने जगह-जगह घट की पूजा-अर्चना की. रात भर केरा गांव में भक्ति का माहौल रहा. 84 मौजा के श्रद्धालुओं ने आकर यात्रा घट की दर्शन कर पूजा-अर्चना की.
अहले सुबह तक यात्रा घट का पूजा -अर्चना होती रही.
आज वृंदावन से निकलेगी घट यात्रा: 11 अप्रैल को पूजा स्थल वृंदावन से रात दस बजे घट निकलेगा. वृंदावन में विशेष पूजा अर्चना होगी. 12 अप्रैल को गोरिया भार घट निकलेगी तथा छऊ नृत्य का आयोजन किया जायेगा. 13 अप्रैल को मां केरा मंदिर में जल चढ़ाव व पूजा-अर्चना होगी. भक्तों के लिये मां का पट सुबह पांच बजे से खोल दिया जायेगा. दिन भर मां केरा की दर्शन कर लोग पूजा-अर्चना कर पायेंगें. 14 अप्रैल को केरा मेला का समापन होगा. इस दिन कालिका घट निकलेगी.
समूचा केरा गांव में कालिका घट को भ्रमण कराया जायेगा. समापन के दिन सैंकड़ों श्रद्धालु आग पर चल कर व कांटों पर लेट कर अपनी भक्ति को दर्शायेंगे. केरा मेला पश्चिमी सिंहभूम सबसे बड़ा व ऐतिहासिक मेला है. 50 हजार से अधिक श्रद्धालु मां केरा का दर्शन करने आते है. केरा मेला संचालन समिति के अध्यक्ष सरोज नायक ने बताया कि ऐतिहासिक केरा मेला का संचालन अनुमंडल पदाधिकारी के आदेशानुसार नयी व पुरानी कमेटी मिल कर करेगी.
केरा मेला को ऐतिहासिक रूप देने के लिये कामाख्या प्रसाद साहु, गणेश ज्योतिषी, गणेश साहु आदि पूजा कमेटी के सदस्य जुटे हुए है.

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