96 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ नहीं आया नक्सली नेता, ऑपरेशन टार्जन जारी
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जगंल से आम वेश में निकलने की फिराक में नक्सली संदीप
96 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ नहीं आया नक्सली नेता, ऑपरेशन टार्जन जारी पुलिस के अनुसार संदीप दा के पास सरेंडर करने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं जिला पुलिस के साथ मुठभेड़ की स्थिति में नहीं है शीर्ष माओवादी चाईबासा : कोल्हान के जंगलों में 96 घंटे से ऑपरेशन टार्जन चला रही जिला पुलिस […]
पुलिस के अनुसार संदीप दा के पास सरेंडर करने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं
जिला पुलिस के साथ मुठभेड़ की स्थिति में नहीं है शीर्ष माओवादी
चाईबासा : कोल्हान के जंगलों में 96 घंटे से ऑपरेशन टार्जन चला रही जिला पुलिस को शीर्ष माओवादी संदीप दा को पकड़ने में सफलता नहीं मिली है. हालांकि जिला पुलिस के अनुसार शीर्ष नक्सली संदीप दा जंगल में सुरक्षा बलों से घिर गया है. उसके समक्ष सरेंडर करने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है. जंगल में छिपा माओवादी नेता पुलिस जवानों को खूब छका रहा है. माना जा रहा है कि पुलिस से मुठभेड़ की बजाय हथियार छोड़कर आम आदमी के वेश में संदीप दा कोल्हान के जंगलों से निकलने के फिराक में है. पुलिस द्वारा तीन ओर से मोरचा संभालने के कारण संदीप के लिए निकलकर भागना कठिन हो गया है.
कोल्हान के जंगल में और जवान उतार सकती है पुलिस :दूसरी ओर पुलिस अपने सूत्रों से अगली सूचना की इंतजार में है. अगर सूचना सटीक रही, तो पुलिस संदीप की तलाश में कोल्हान के जंगलों में और जवानों को उतार सकती है. सारंडा व पोड़ाहाट के जंगलों में अभियान चला चुकी पुलिस को कोल्हान के जंगलों में कॉबिंग के दौरान मुश्किल आ रही है. क्योंकि पुलिस अब तक अमूमन कोल्हान के जंगल में ऑपरेशन चलाने से बचती रही है. नक्सलियों के लिए सुरक्षित जोन है कोल्हान जंगल: उधर, सारंडा व पोड़ाहाट में पुलिस की दबिश बढ़ने के बाद कोल्हान माओवादियों के लिए सबसे सुरक्षीत जोन बना हुआ है. कोल्हान के जंगल माओवादियों के लिए न केवल सुरक्षित पनाहगाह है, बल्कि माओवादी इस जंगल के चप्पे चप्पे से वाकिफ हैं.
कई वर्षों के बाद माओवादियों के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. इस कार्रवाई से पूर्व पुलिस को संदीप दा के खिलाफ पुख्ता सूचना मिली थी.
किशन दा के बाद संगठन में संदीप दूसरे नंबर पर
किशन दा के मारे जाने के बाद पश्चिम सिंहभूम जिले में टूट रहे संगठन में एकजुटता बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संदीप दा को पकड़ना पुलिस के लिए महत्वपूर्ण हो गया है. पुलिस मान रही है कि संदीप दा के पकड़े जाने के बाद सारंडा व कोल्हान क्षेत्र से माओवादियों का खात्मा हो जायेगा. किशन दा के बाद संदीप संगठन का दूसरे नंबर का बड़ा खिलाड़ी माना जा रहा है. संदीप न केवल अब तक सक्रिय है. बल्कि उसका सरांडा, कोल्हान व पोड़ाहाट में अच्छा दबदबा भी है. किशन का वह खास भी रहा है. पुलिस के पास अब तक की सूचना के मुताबिक अधिकांश समय किशन दा के दस्ते के साथ संदीप रहता रहा है.
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