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विस समिति टोंटो व झींकपानी प्रखंड पहुंच ग्रामीणों से रू-ब-रू हुई

एसीसी कंपनी पर ग्रामीणों ने लगाया गंभीर आरोप मझगांव : विधानसभा की प्रयुक्त विधान समिति ने मंगलवार को टोंटो व झींकपानी के एसीसी प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. समिति के सदस्य बगोदर के विधायक नागेंद्र महतो व चाईबासा सदर विधायक दीपक बिरुवा टोंटो के कोंदोवा नीमडीह व राजंका और झींकपानी के कुदाहातु व जोड़ापोखर में […]

एसीसी कंपनी पर ग्रामीणों ने लगाया गंभीर आरोप

मझगांव : विधानसभा की प्रयुक्त विधान समिति ने मंगलवार को टोंटो व झींकपानी के एसीसी प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. समिति के सदस्य बगोदर के विधायक नागेंद्र महतो व चाईबासा सदर विधायक दीपक बिरुवा टोंटो के कोंदोवा नीमडीह व राजंका और झींकपानी के कुदाहातु व जोड़ापोखर में रैयतों व ग्रामीणों से रूबरू हुये.
ग्रामीणों ने टोंटो अंचलाधिकारी व पुलिस पर पक्षपात के आरोप लगाया.
ग्रामीणों ने विगत 28 जुलाई को पर्यावरण स्वीकृति को लेकर हुई जनसुनवाई स्थगित करने के बावजूद पूर्ण बताये जाने का विरोध किया. ग्रामीणों ने कहा कि जनसुनवाई में कंपनी के विरुद्ध हजारों लोगों ने आवाज उठायी. कंपनी ने रणनीति के तहत ग्रामीणों को बोलने का मौका नहीं दिया. जनसुनवाई में कंपनी के प्रति कठोर रवैया को देख स्थगित कर दिया गया. दूसरी ओर कंपनी ने जनसुनवाई के समर्थन में ठेकेदारों की मदद से बाहरी लोगों से फर्जी हस्ताक्षर करवाया. इसे रैयतों व ग्रामीणों ने बेनकाब कर दिया. इसके बावजूद जन सुनवाई को कंपनी ने पूर्ण बताया.
ग्रामीणों ने कहा कि कंपनी रैयती जमीन पर पुलिस के दम पर जबरन खनन करवा रही है. विरोध करने पर झूठा केस करने व जेल भेजे जाने की धमकी दी जाती है. ग्रामीणों ने बताया कि कंपनी का डस्ट खपरैल घरों में घुस जाता है.
डस्ट के कारण प्रभावित क्षेत्र में खेत बंजर होते जा रहे हैं. कारखाना स्थापित होने से पहले क्षेत्र में खेतों में धान, गेहूं, रहड़, मसूर, चना सहित अन्य उपज होती थी. अब डस्ट के कारण खेती संभव नहीं हो पाता है. ग्रामीणों के अनुसार तालाबों का पानी प्रदूषित हो गया है. राजंका के ग्रामीणों ने बताया कि कंपनी के विस्फोट से गांव में एक ही परिवार के पिता व पुत्र पत्थरों से दब गये थे. विस्फोट से नीमडीह, राजंका, कोंदोवा, जोड़ापोखर के घरों में दरार पड़ गयी है. इस दौरान विस के उप सचिव रामाशीष यादव, टोंटो बीडीओ बिमल सोरेन, झींकपानी बीडीओ शंकर एक्का, श्रम अधीक्षक शामिल थे.
जनसुनवाई स्थगित होने के बावजूद कंपनी की ओर से खनन करने, प्रदूषण से खेती प्रभावित होने, रैयतों के जमीन पर जबरन कब्जा की शिकायत मिली है. कंपनी के खनन से जलस्तर काफी नीचे चला गया है. रैयतों को नौकरी व मुआवजा नहीं मिलने की शिकायत मिली है. जन सुनवाई के लिए ग्राम सभा नहीं हुई है. कंपनी का पक्ष भी सुना जायेगा. इसके पश्चात समिति अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी. नागेंद्र महतो, विस समिति सदस्य
ग्रामीणों की शिकायत मिली है. जन सुनवाई की गलत रिपोर्ट सौंपी गयी है. फर्जी हस्ताक्षर हुआ है. उसकी जांच होगी. समिति ने देखा कि प्रभावित क्षेत्र की स्थिति काफी दयनीय है.
दीपक बिरुवा, विधायक सह समिति सदस्य

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