बंदगांव. गुप्त सूचना पर सिमको जंगल से पुलिस ने दबोचा, साथी हुआ फरार
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ठेका कंपनी से लेवी लेने पहुंचा था पीएलएफआइ सदस्य, गिरफ्तार
बंदगांव. गुप्त सूचना पर सिमको जंगल से पुलिस ने दबोचा, साथी हुआ फरार चाईबासा : बंदगांव थानांतर्गत सिमको गांव में सड़क निर्माण कर रही ठेका कंपनी से लेवी वसूलने पहुंचा पीएलएफआइ सदस्य बरनवास हपदगड़ा (18) को जिला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. घटना शनिवार की दोपहर करीब ढ़ाई बजे की है. उसके पास से एक […]
चाईबासा : बंदगांव थानांतर्गत सिमको गांव में सड़क निर्माण कर रही ठेका कंपनी से लेवी वसूलने पहुंचा पीएलएफआइ सदस्य बरनवास हपदगड़ा (18) को जिला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. घटना शनिवार की दोपहर करीब ढ़ाई बजे की है. उसके पास से एक देसी पिस्तौल, दो जिंदा गोली, तीन मोबाइल फोन और पीएलएफआइ के दो ब्लैंक लेटर पैड जब्त किया गया है. वहीं लेवी वसूलने आया उसका एक साथी घने जंगल का फायदा उठाकर भाग गया. बरनवास नक्सली संगठन पीएलएफआइ का हथियारबंद सदस्य है. वह बंदगांव थानांतर्गत कोनसिया गांव का रहने वाला है.
बरनवास ने पुलिस को कई अहम जानकारी दी: गिरफ्तार बरनवास हपदगड़ा ने पुलिस को पीएलएफआइ नेता शनिश्चर सुरीन, मंगरा लुगुन व अजय पुरती के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है. इनमें उनका काम करने का तरीका, उनकी गतिविधियां और किन-किन लोगों से लेवी वसूली जा रही है आदि शामिल है.
बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में थे :सिमको जंगल में लेवी वसूलने आये पीएलएफआइ सदस्य किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में थे. जिला पुलिस को गुप्त सूचना शनिवार की सुबह करीब साढ़े 11 बजे मिली. इसके सत्यापन के लिए बंदगांव थाना प्रभारी के नेतृत्व में छापेमारी दल का गठन किया गया. टीम दोपहर करीब ढ़ाई बजे सिमको गांव के पास स्थित जंगल में पहुंची. पुलिस को देख हथियार बंद कुछ लोग जंगल की ओर भागने लगे. पुलिस ने खदेड़ कर बरनबास हपदगड़ा को पकड़ लिया. छापेमारी दल में सत्यवीर सिंह, सहावीर उरांव, सुमेश्वर पासवान, विनोद कुमार यादव, थाना रिजर्व गार्ड के हवलदार, सशस्त्रबल व सैट-1 के जवान शामिल थे.
नौजवानों को हथियार बना रहा पीएलएफआइ: पुलिस के हत्थे चढ़ा पीएलएफआइ सदस्य बरनबासा हपदगड़ा सिर्फ 18 साल का है. उसकी गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि पीएलएफआइ नक्सली नौजवानों को अपना हथियार बना रहे हैं. इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन को है. लेवी वसूली व अन्य मामलों में पीएलएफआइ संगठन थोड़े पैसे का लालच देकर सुदूरवर्ती गांवों के बेरोजगार युवकों जाल में फांस रहा है. संगठन व इसके आकाओं को दो तरह से इसका लाभ मिल रहा है. लेवी लेने के क्रम में पुलिस के जाल में फंसने से वे बच जा रहें है. वहीं एक बार गिरफ्तारी के बाद ये नौजवान हमेशा के लिए दल का सदस्य बन जाता है.
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