बैंक हड़ताल. गेट के समक्ष बैंक यूनियन सदस्यों ने किया प्रदर्शन
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Rs 200 करोड़ का लेनदेन प्रभावित
बैंक हड़ताल. गेट के समक्ष बैंक यूनियन सदस्यों ने किया प्रदर्शन चाईबासा : नोटबंदी के दौरान किये गये अतिरिक्त काम के एवज में अतिरिक्त वेतन देने समेत विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को जिले के राष्ट्रीयकृत बैंकों में ताले लटके रहे. बैंकों के अधिकारी व कर्मचारियों ने हड़ताल पर रहकर प्रदर्शन किया. वहीं झारखंड ग्रामीण […]
चाईबासा : नोटबंदी के दौरान किये गये अतिरिक्त काम के एवज में अतिरिक्त वेतन देने समेत विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को जिले के राष्ट्रीयकृत बैंकों में ताले लटके रहे. बैंकों के अधिकारी व कर्मचारियों ने हड़ताल पर रहकर प्रदर्शन किया.
वहीं झारखंड ग्रामीण बैंक इंप्लाइज यूनियन सिंहभूम के बैनर तले झारखंड ग्रामीण बैंक की 81 शाखाओं में मंगलवार को कामकाज नहीं हुआ. इसके कारण जिले में मंगलवार को करीब 200 करोड़ का लेनदेन प्रभावित रहा. ग्रामीण क्षेत्र से आये ग्राहकों को निराश होकर लौटना पड़ा. हालांकि हड़ताल को देखते हुए एटीएम में पर्याप्त राशि डाली गयी थी.
खुले रहे निजी बैंक, चेक नहीं हुआ क्लियर. दूसरी ओर निजी बैंक के कर्मचारी मंगलवार को ड्यूटी पर रहे, लेकिन चेक क्लियरेंस नहीं हो पाया. बैंक सूत्रों के अनुसार सोमवार को बैंकों में अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक लेनदेन हुआ. चाईबासा मुख्यालय स्थित बैंकों में मंगलवार को मंगलाहाट लगने के कारण ज्यादा लेनदेन होते है.
जिले में 50 लाख का कारोबार प्रभावित. बैंकों में हड़ताल के कारण जिले का व्यापार सबसे अधिक प्रभावित रहा. अनुमान है कि करीब 50 लाख का कारोबार प्रभावित हुआ. माइंस क्षेत्र समेत कई प्रतिष्ठानों में मंगलवार को वेतन भुगतान का दिन रहता है. बैंक कारोबार नहीं होने से मजदूरों को वेतन नहीं दिया जा सका. जिसके कारण उन्हें काफी परेशानी हुयी.
बैंकों के बाहर कर्मियों ने किया प्रदर्शन. बैंक यूनियनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ बैंकों के बाहर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. हड़ताल में एआइबीइए, एआइबीओसी, एनसीबीआइ, एआइबीओए, बीइएफआइ, एनओबीडब्ल्यू और एनओबीओ जैसी यूनियनें शामिल रहीं. हड़ताल का नेतृत्व यूनियन के जय सिंह हेम्ब्रम, पंकज कुमार अंबष्ट, दीपेश कुमार, श्रीहर्ष सिंह, सत्येंद्र पुरती शामिल रहे.
दूर-दराज से आने वाले ग्रामीण हुए परेशान, सबसे ज्यादा व्यापार जगत प्रभावित
बैंक कर्मचारियों की मांगें
विमुद्रीकरण के दौरान कर्मचारियों को अधिक काम करना पड़ा, उसकी क्षतिपूर्ति मिले
एनपीएस के बदले डीए लिंक पर्सन योजना लागू हो
अगले वेतन पुनर्निरीक्षण की प्रक्रिया शीघ्र आरंभ किया जाए
अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति योजना का उचित कार्यान्वयन हो
सभी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती हो
पांच दिवसीय बैंकिंग
ऋणों की वसूली के कठोर उपाय किए जाये
जानबूझ कर ऋण न भरने वाले के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई की जाये
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