जान जोखिम में डाल शिक्षा ग्रहण कर रहे तोपाडीह के बच्चे, अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र के कारण अधिकारी भी नहीं जाते
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जर्जर भवन में पढ़ने को विवश हैं बच्चे
जान जोखिम में डाल शिक्षा ग्रहण कर रहे तोपाडीह के बच्चे, अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र के कारण अधिकारी भी नहीं जाते चापाकल से निकलता है गंदा पानी किरीबुरू : झारखंड सीमा से सटे ओड़िशा की सोयंबा पंचायत अंतर्गत अति नक्सल प्रभावित तोपाडीह मध्य विद्यालय के विद्यार्थी जान जोखिम में डाल शिक्षा ग्रहण करने को विवश […]
चापाकल से निकलता है गंदा पानी
किरीबुरू : झारखंड सीमा से सटे ओड़िशा की सोयंबा पंचायत अंतर्गत अति नक्सल प्रभावित तोपाडीह मध्य विद्यालय के विद्यार्थी जान जोखिम में डाल शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं. विद्यालय में लगभग 35 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं. इन्हें शिक्षक सुशील कुमार व कुन्ना सिंह शिक्षा दे रहे हैं. गांव के पुराने स्कूल भवन का एक हिस्सा ढ़ह गया है. इसी जर्जर भवन में बच्चे जान जोखिम में डाल कर पढ़ते हैं. वहीं विद्यालय के पास स्थित सखुआ बागान में पेड़ों के नीचे पढ़ते हैं. ओड़िसा सरकार ने नये विद्यालय भवन के लिए वर्ष 2007-08 में फंड स्वीकृत किये थे. तब विद्यालय के चेयरमैन पूर्व सरपंच अनिल बारला थे.
नया विद्यालय भवन का निर्माण कार्य भी प्रारंभ हुआ था. माओवादियों ने पुरानी दुश्मनी की वजह से अनिल बारला के पूरे परिवार को पांच वर्षों के लिये गांव से निकालने का फरमान जारी कर दिया. इसके बाद उक्त विद्यालय के एक तत्कालीन शिक्षक ने स्कूल भवन निर्माण के लिए आये सरकारी पैसों का व्यारा-न्यारा कर दिया. उक्त विद्यालय का शौचालय आज तक बनकर तैयार नहीं हुआ. चापाकल से दूषित व लाल पानी निकलने की वजह से बच्चे नाला या चुआं का पानी पीने को विवश हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से शिक्षा का हाल जानने कोई अधिकारी गांव में नहीं आता. ग्रामीणों की आवाज सरकार तक नहीं पहुंच पाती है. दोनों शिक्षक सुशील व कुन्ना ने बताया कि विद्यालय भवन व व्यवस्था सुधारने के लिए कई बार विभाग को पत्र लिखा गया.
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