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जल, जंगल एवं जमीन के प्रणेता थे स्व देवेंद्र मांझी

गोइलकेरा : व्यक्तित्व के धनी देवेंद्र मांझी एक ऐसे व्यक्ति का नाम था, जिसने जल, जंगल व जमीन पर हक व अधिकार के लिए आंदोलन का आगाज किया था. इसके लिए वर्षों से लड़ी जा रही लड़ाई अब वन भूमि पर पट्टा के रूप में पूरी होती नजर आ रही है. देवेंद्र मांझी द्वारा द्वारा […]

गोइलकेरा : व्यक्तित्व के धनी देवेंद्र मांझी एक ऐसे व्यक्ति का नाम था, जिसने जल, जंगल व जमीन पर हक व अधिकार के लिए आंदोलन का आगाज किया था. इसके लिए वर्षों से लड़ी जा रही लड़ाई अब वन भूमि पर पट्टा के रूप में पूरी होती नजर आ रही है. देवेंद्र मांझी द्वारा द्वारा शुरू किया आंदोलन आज अधिकार बन गया है.

देवेंद्र सिर्फ एक कुशल नेतृत्वकर्ता ही नहीं बल्कि राजनीतिक व सामाजिक विषयों के अच्छे ज्ञाता थे. एक किसान पुत्र होने के नाते वे तमाम उम्र अपनी मिट्टी से जुड़े रहे. उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन वर्ष 1980 में शेर छाप से चुनाव लड़ कर शुरू किया था. इसके बाद से वे हमेशा दो जोड़ा पत्ता छाप से ही चुनावी मैदान में उतरें. सन 84 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र की अोर अपना रूख किया तथा झामुमो डी का पुनर्गठन कर विस क्षेत्र के गहन दौरे में जुट गये. जगह-जगह सभाएं व बैठकें करने लगे. इसी के तहत 14 अक्तूबर-94 में गोइलकेरा दौरे के दौरान

उनकी हत्या कर दी गयी. उनका पूरा राजनीतिक जीवन उथल-पुथल भरा रहा तथा कई उपलब्धियां भी रहीं. स्व देवेंद्र मांझी की प्रमुख उपलब्धि जल, जंगल व जमीन पर मूलवासियों का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए वृहद स्तर आंदोलन छेड़ना रहा. आज नियति ने देवेंद्र को हमलोगों से छीन लिया, लेकिन उनके अधूरे सपनों को साकार करने का बीड़ा उनकी पत्नी जोबा माझी ने संभाल लिया है.

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