घटना की चश्मदीद पड़सा की मनीषा बिरुवा ने सुनायी आपबीती
तमन्ना बस में सवार होकर चाईबासा से पड़सा जा रही थी मनीषा
चाईबासा : चाईबासा से आने के दौरान मुझे नींद लग गयी थी. अचानक बस में जोर का धक्का लगा. बस के टकराने से मेरे सिर पर चोट लगी. मेरी नींद खुल गयी. सामने देखा तो बस के आगे के हिस्से में प्रवेश गेट के पास आग लग गयी थी. बस में काफी शोर गुल शुरू हो रहा था. बस के आगे के हिस्से और गेट में आग लग जाने के कारण लोग खिड़की से कूदकर बाहर निकलने लगे. तब तक आग काफी तेज हो गयी थी. इस दौरान बस में कई लोग बेहोश हो गये थे.
मैं भी बस से कूदकर बाहर निकली. लोगों के बाहर निकलने का सिलिसला जारी था. अचानक आग के लपटें पूरी तरह गेट तक आ गया थी. फिर भी कुछ लोग आग की लपटों के बीच से होते हुए गेट से बाहर निकले. जो लोग बेहोश हो गये थे, वे बस से बाहर नहीं निकल सके और आग में झुलस गये. कुछ देर के बाद कुछ लोग आये और बचाव कार्य शुरू हुआ. तब तक बस जलती रही. फिर धीरे-धीरे लोगों का आना शुरू हुआ. सभी लोग बेसुध थे. जो लोग थोड़े चोटिल थे, वे भी घबराये थे. फिर वाहन आना शुरू हुआ. घायलों को वाहन में भरकर भेजा जाने लगा.