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आदिवासी होने के कारण साजिश कर मुझे ओलिंपिक से बाहर किया : मंगल

ओलिंपिक में भारत का टिकट कंफर्म कराने वाले का ही टिकट काटा गया अार्चरी इतिहास में पहली बार नियम में बदलाव कर मुझे बाहर किया गया चाईबासा : पिछड़े क्षेत्र का आदिवासी होने और मेरे पीछे टाटा स्टील कंपनी जैसा प्रायोजक नहीं होने के कारण मुझे साजिश के तहत रियो ओलिंपिक के लिए चयन नहीं […]

ओलिंपिक में भारत का टिकट कंफर्म कराने वाले का ही टिकट काटा गया

अार्चरी इतिहास में पहली बार नियम में बदलाव कर मुझे बाहर किया गया
चाईबासा : पिछड़े क्षेत्र का आदिवासी होने और मेरे पीछे टाटा स्टील कंपनी जैसा प्रायोजक नहीं होने के कारण मुझे साजिश के तहत रियो ओलिंपिक के लिए चयन नहीं किया गया. ओलिंपिक में चयन नहीं होने का मुझे उतना दुख नहीं हुआ, जितना मेरे खिलाफ साजिश कर मीडिया के माध्यम से मुझे बदनाम करने के प्रयास को लेकर हो रहा है. उक्त बातें अंतरराष्ट्रीय तींरदाज मंगल सिंह चांपिया ने बुधवार को चाईबासा परिसदन में प्रेस कांफ्रेंस में कहीं.
श्री चांपिया ने आगे कहा कि पश्चिमी सिंहभूम के सुदूर गांव से निकल कर तीरंदाजी में देश के लिए सैकड़ों मेडल जीतने के बाद मेरी प्रतिभा और प्रदर्शन पर अंगुली उठायी जा रही है. साजिश के तहत ओलिंपिक में मुझे नहीं चुने जाने के बाद भी मैं चुप रहा. मेरे बारे में लगातार मीडिया में आ रहे गलत तथ्यों से पर्दा हटाने व देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं.
नियम में बदलाव कर हुआ सेलेक्शन ट्रायल
दिसंबर 2015 में अर्चरी एसोसिएशन आफ इंडिया ने नियम में बदलाव कर मुझे भी ट्रायल देने को कहा. यह भारत के अार्चरी इतिहास में पहली बार हुआ. इसके लिए बने नियम में मेरे साथ भेदभाव हुआ. वर्ल्ड कप में प्री क्वार्टर फाइनल में 5 अंक, क्वार्टर फाइनल में 1 अंक और सेमीफाइनल में 15 अंक बोनस देने का नियम बनाया गया, लेकिन मुझे बोनस अंक नहीं दिया गया. फिर भी मैंने ट्रायल देने का निर्णय लिया. मेरी तबीयत खराब थी. मेरे डॉक्टर और मैंने ट्रायल को दो दिन स्थगित करने का अनुरोध किया, लेकिन एसोसिएशन नहीं माना. इसके बावजूद मैंने एक अंक हासिल किया. अतानू दास ने भी एक अंक हासिल किया. अतानू दास को 15 अंक बोनस देकर ओलिंपिक के लिए चयन कर लिया गया. भारत को ओलंपिक का टिकट कन्फर्म कराने के लिए मुझे बोनस अंक दिया जाना चाहिए था.
ओलिंपिक में भारत को क्वालिफाई कराया
भारत को ओलिंपिक 2016 में तीरंदाजी प्रतियोगिता में मैंने क्वालिफाई करवाया. इसके लिए जुलाई 2015 में कोपनहागेन, डेनमार्क में आयोजित वर्ल्ड अर्चरी चैंपियनशिप में 80 से अधिक देश की टीमों के 128 तीरांदाजों ने हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता में मैंने 6वां स्थान प्राप्त कर आेलिंपिक में भारत का सीट कन्फर्म किया. इसके बाद वर्ल्ड अर्चरी एसोसिएशन ने ओलिंपिक के व्यक्तिगत स्पर्द्धा के लिए भारत का प्रतिनिधित्व के लिए मंगल सिंह चाम्पिया के नाम की घोषणा की. व्यक्तिगत स्पर्द्धा में क्वालिफाई कर देश को ओलिंपिक का टिकट दिलाने वालों के लिए इसके पहले कभी अलग से सेलेक्शन ट्रायल नहीं होता था, लेकिन इस बार सेलेक्शन ट्रायल किया गया.

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