चाईबासा : घरेलू विवाद में भाई बासुदेव सीतारी (50) की डंडे से पीट-पीट कर हत्या मामले में प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने सुनवाई करते हुए आरोपी लखींदर सीतारी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी. वहीं आरोपी पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना राशि नहीं देने पर एक साल की अतिरिक्त कारावास की सजा होगी. सात जून 2012 को मामला दर्ज किया गया था.
इस संबंध में बड़ाजामदा थाने में मृतक बासुदेव सीतारी की पत्नी मेंजारी सीतारी ने मामला दर्ज कराया था. इसमें उसने बताया कि उसके पति का बड़ाजामदा में बड़ी गाड़ियों के सर्विसिंग का गैरेज है. घटना वाले दिन सुबह 11 बजे वह गैरेज से परम बालजोड़ी स्थित आवास आये थे. वे घर के आंगन में कटहल के पेड़ के नीचे पड़ी लोहे की पाइप दुकान ले जाने के लिए जीप पर लाद रहे थे. इसी दौरान वहां लखींदर ने उनके साथ झगड़ा शुरू कर दिया था.
इसके बाद लखींदर ने अपने भाई बासुदेव को धक्का देकर नीचे गिरा दिया और बुरी तरह से पीटने लगा. बीच-बचाव में वह पहुंची, तो आरोपी भाग निकला. कुछ देर बाद घायल पति ने दम तोड़ दिया. घटना के समय उसके दोनों बच्चे भी वहीं थे. डर के मारे वे दोनों कुछ नहीं कर सके. बाद में पुलिस ने लखींदर को कोर्ट में पेश किया. चार साल की लंबी सुनवाई के बाद पुख्ता सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी पाया गया.