चाईबासा : करंज के तेल में शीशा की मालिश के बाद जीवन की जंग लड़ रहा बिरसा फिलहाल संक्रमण के खतरे से मुक्त हो गया है. सदर अस्पताल के कुपोषण उपचार केंद्र में इलाजरत बिरसा की स्थिति पहले से बेहतर है.
उसके घाव लगभग भर गये हैं. केवल पेट, घुटने और पीठ के कुछ हिस्सों के घाव भरने बाकी हैं. बिरसा के स्वास्थ्य में हो रहे सुधार से कुपोषण उपचार केंद्र के चिकित्सक व नर्स भी संतुष्ट हैं. बिरसा की मां मदाय लामाय को भी अपने बेटे के स्वास्थ्य में सुधार से शांति मिली है. डॉक्टरों का अनुमान है कि तीन-चार दिनों में बिरसा को पट्टी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.