हत्यारे को मिली उम्र कैद
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फैसला. चश्मदीद गवाह मां के बयान पर बेटे को हुई सजा
हत्यारे को मिली उम्र कैद चाईबासा : प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने गुरुवार को 2014 में पिता की हत्या के एक मामले में सुनवायी करते हुए हत्यारे पुत्र को आजीवन कारावास और दस हजार रुपया जुर्माना देने की सजा सुनायी है. जुर्माना नहीं देने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी […]
चाईबासा : प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने गुरुवार को 2014 में पिता की हत्या के एक मामले में सुनवायी करते हुए हत्यारे पुत्र को आजीवन कारावास और दस हजार रुपया जुर्माना देने की सजा सुनायी है. जुर्माना नहीं देने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. हत्या का 15 अगस्त 2014 को चक्रधरपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें नितिमा ओमांग ने अपने पति की मौत के लिए पुत्र को जिम्मेदार ठहराया था. बताया कि चक्रधरपुर के तुईयाटोला चिरलुबासा स्थित उनके आवास में यह घटना 11 अगस्त को हुई थी.
काम करने की बात को लेकर पिता पुत्र में हुआ था विवाद
घटना वाले दिन खाना खाने के बाद रात लगभग साढ़े 11 बजे सोते समय मांगु का अपने बेटे प्रधान से कामकाज करने को लेकर टोकने पर विवाद हो गया था. गुस्से में आकर प्रधान ने घर रखी एक लाठी से अपने पिता की पिटाई कर दी. इस दौरान सिर पर प्रहार से मांगु का सिर फट गया था. गरीबी के कारण उनका परिवार मांगु का इलाज कराने में सक्षम नहीं था. बगैर इलाज के मांगु की हालत गंभीर होती गयी. 14 अगस्त की रात करीब आठ बजे उसकी मौत हो गयी.
पत्नी ने दी गवाही : नितिमा ने 15 अगस्त की सुबह घटना की जानकारी गांव के मुंडा तथा बाद में पुलिस में दर्ज करायी थी. मां के बयान पर आरोपी प्रधान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. सुनवायी के दौरान एक मात्र चश्मदीद गवाह नितिमा के बयान के आधार पर कोर्ट ने उसके पति की हत्या के आरोप में उसके पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी.
चक्रधरपुर के तुईयाटोला चिरलुबासा में 11 अगस्त 2014 को हुई थी घटना
कामकाज करने की बात कहने पर पुत्र ने डंडे से पिटाई कर पिता को कर दिया था घायल
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