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चक्रधरपुर में बंद रही दुकानें, सहमे रहे लोग
चक्रधरपुर : आगजनी की घटना के बाद चक्रधरपुर गुदड़ी बाजार को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. मालूम रहे कि 3 जनवरी की रात दर्जन भर दुकानों को आग के हवाले कर दिया. इसके बाद शहर का माहौल पूरी तरह बिगड़ गया. सोमवार को गुदड़ी बाजार सील कर दिया गया. दिन भर बाजार […]
चक्रधरपुर : आगजनी की घटना के बाद चक्रधरपुर गुदड़ी बाजार को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. मालूम रहे कि 3 जनवरी की रात दर्जन भर दुकानों को आग के हवाले कर दिया. इसके बाद शहर का माहौल पूरी तरह बिगड़ गया. सोमवार को गुदड़ी बाजार सील कर दिया गया.
दिन भर बाजार में सन्नाटा पसरा रहा. खरीद बिक्री का काम ठप रहा. एक्का दुक्का दुकानें खुली रही. चक्रधरपुर गुदड़ी बाजार आसपास इलाके का सबसे बड़ा बाजार है. इस बाजार में प्रति दिन लाखों का कारोबार होता है.
मजिस्ट्रेट व पुलिस बल के जवान तैनात
शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर अनुमंडल पदाधिकारी नंद किशोर गुप्ता के आदेश पर मजिस्ट्रेट व पुलिस बल के जवानों को तैनात किया गया था. पूरे शहर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
कंट्रोल रूम बना नगर पर्षद
प्रशासन ने शहर में नियंत्रण बनाये रखने के लिए नगर पर्षद कार्यालय को कंट्रोल रूम बनाया. जितने भी कागजी काम हो रहे थे, सभी नगर पर्षद से किये जा रहे थे.
अफसरों का कैंप पवन चौक पर रहा
पूरे कोल्हान के अफसरों का कैंप पवन चौक पर रहा. घटना स्थल का निरीक्षण करने और फ्लैग मार्च के बाद सभी अफसर पवन चौक पर पूरे दिन डटे रहे. वहीं से नियंत्रण बनाये हुए थे.
खबरें मिलने पर दौड़ते रहे अफसर
पवन चौक में बार बार अलग-अलग मुहल्लों से विभिन्न प्रकार की खबरें आ रही थीं. खबरों में अफसरों और पुलिस की टीम दौड़ लगा रही थी. जिसका परिणाम यह हुआ कि शहर में शांति कायम रही.
एसपी छुट्टी से वापस लौटे
पश्चिमी सिंहभूम के एसपी डॉ माइकल राज अवकाश में थे. लेकिन चक्रधरपुर में हुए वारदात के बाद वह वापस लौट आये और सोमवार को शांति अभियान में शामिल रहे. उनके अवकाश में रहने के कारण जिले का प्रभार सरायकेला एसपी इंद्रजीत महथा को दी गयी थी. श्री महथा भी पूरी जिम्मेदारी से शांति बहाली में डटे रहे.
दूध नहीं मिलने से परेशान रहे लोग
चक्रधरपुर की घटना के बाद सुधा दूध आदित्यपुर से चक्रधरपुर नहीं आया. जिससे लोगों को काफी परेशानी हुई. शहर में अमन बहाल होते देख सुधा कंपनी को सूचना दी गयी. जिसके बाद दोपहर करीब एक बजे दूध की गाड़ी आयी, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली.
बीएसएनएल ने फिर दिया धोखा
चक्रधरपुर में हादसा के दिन भी अपनी आदत की तरह बीएसएनएल की सेवा फेल रही. चाईबासा-चक्रधरपुर के बीच केबुल कट जाने के कारण लिंक फेल रहा. अधिकतर सरकारी अफसरों का सरकारी नंबर बीएसएनएल का ही है. लिंक फेल रहने के कारण सामंजस्य स्थापित करने में काफी परेशानी हुई.
वीडियोग्राफर का मोबाइल व बाइक तोड़ी
अनुमंडल प्रशासन का कैमरा मैन आयुष (शिवम स्टुडियो) वीडियोग्राफी कर रहा था. असलम चौक के पास जब उसने कैमरा में हालात को कैद कर रहा था, तब कुछ युवकों ने उसके कैमरा, मोबाइल व मोटरसाइकिल लूटने का प्रयास किया. बाद में कैमरा वापस मिल गया.
लेकिन देरशाम तक मोबाइल व मोटरसाइकिल नहीं मिली थी. पूर्व वार्ड पार्षद को दोनों सामान वापस लौटाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. उसने सामान वापस करवा देने का यकीन दिलाया है.
दमकल नहीं होने से हुआ नुकसान
चक्रधरपुर अनुमंडल मुख्यालय और रेलवे के मंडल मुख्यालय है. लेकिन रेलवे या राज्य सरकार के पास एक अदद दमकल तक नहीं है. जिस कारण हर आगजनी के वक्त काफी नुकसान होता है. इस बार भी गुदड़ी बाजार में आगजनी के बाद चाईबासा से दमकल को मंगाया गया. दमकल के आने तक सबकुछ जल कर राख हो गया था.
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