मुसाबनी : फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत के लीपुडीह टोला के रोथो सबर का परिवार इस ठंड में आवास नहीं होने के कारण इमली के वृक्ष के नीचे रात गुजार रहा है. दूसरों के घरों में रोथो सबर मजदूरी करता है. उसकी पत्नी मिनी सबर जंगल से लकड़ी लाकर बेचती है तब परिवार चलता है एवं पांच संतानों का भरण पोषण कर रहे हैं. इस सबर परिवार के मासूमों के सिर पर जहां छत नहीं है, वहीं इस ठंड में ओढ़ने के लिए गर्म कपड़े भी नहीं है. बच्चे ठंड से परेशान हैं.
इस परिवार का एक मात्र लड़का दीपू सबर स्कूल जाता है. बबलू सबर गांव में भतुआ है. वहीं सुकलाल तथा उसका भाई पेड़ के नीचे खुले आसमान तले घर साामनों का रखवाली करता है. बच्चों ने कहा शाम में मां-पिता कमा कर लाते हैं, तब खाना पकता है और पेड़ के नीचे जमीन पर पुआल बिछा कर रात में सोते हैं. रोथो सबर डुमरिया निवासी है. काफी दिनों से अपने ससुराल लीपुडीह में रह रहा है. उसकी सास मिनकी सबर के इंदिरा आवास में पूरा परिवार रहता था. 25 वर्ष पूर्व मरम्मत के अभाव में आवास ध्वस्त हो गया और रोथो सबर का परिवार पेड़ के नीचे आ गया.