– सुशील महतो –
चक्रधरपुर : शास्त्रीय संगीत के बादशाह कहे जाने वाले मन्ना डे की चक्रधरपुर जैसे छोटे शहर से कई यादें जुड़ी हुई हैं. आठ अप्रैल 2007 को मशहुर गायक मन्ना डे चक्रधरपुर में आयोजित रेलवे ऑपरेटिंग नाइट में आये थे. शास्त्रीय संगीत की दुनिया में मन्ना डे साहब का नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखा जा सकता था.
लेकिन मन्ना डे साहब ने चुने थे फिल्मी संगीत, उन्होंने इसके जवाब में कहा था कि उस जमाने में शास्त्रीय संगीत से परिवार नहीं चल सकता था. जिससे फिल्मी दुनिया में आना पड़ा. मन्ना डे ने क्षण भर में ही चक्रधरपुर की कला परिवेश को भांप लिया था.
वे एक मजाकिया अंदाज में कहे थे कि गायक मनोज तिवारी को नहीं, झारखंड में केवल शिबू सोरेन को ही जानते हैं. गायक मन्ना डे ने क्षेत्र के संदर्भ में जानकारी ली और फिर कहे थे कि कैसे गानों को यहां के लोग अधिक पसंद करते हैं. उन्होंने अपने पसंददीदा गानों को सुनाये और राज कपूर, किशोर कुमार, रफी साहब के साथ घटित घटनाओं को सुनाते हुये भावुक हो गये थे.
शाम को सेरसा स्टेडियम में मन्ना डे ने ओ मेरी जोहरा जबीं, लगा चुनरी में दाग, जिंदगी कैसी ये पहेली हाय रे, प्यार हुआ एकरार हुआ, प्यार से फिर क्यु ड़रता है दिल समेत अन्य कई बेहतरीन गाने गाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिये थे. सीटीआई दीपक चक्रवर्ती पर मशहूर गायक मन्ना डे साहब को चक्रधरपुर लाने व ले जाने की तमाम जिम्मेवारी मन्ना डे साहब ने ही सौंपी थी. क्योंकि श्री चक्रवर्ती मशहूर गायक मन्ना डे के प्रशंसक व करीबी थे.
श्री चक्रवर्ती ने बताया कि चक्रधरपुर ऑपरेटिंग नाईट में मन्ना डे आने के लिये सहमत नहीं थे. छोटे शहर होने के कारण भी उन्हें काफी घबराहट थी. उन्हें बताया गया कि जमशेदपुर के समीप है, तभी वे आने के लिये सहमत हुये.