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जालसाजी के आरोप में पिता-पुत्री निलंबित
चाईबासा : जालसाजी कर बेटी को अनुकंपा पर शिक्षिका की नौकरी दिलाने के आरोपी पिता व खुंटपानी अंचल के लिपिक सतीश कुमार सुंडी व शिक्षिका पुत्री शिमला सुंडी को निलंबित कर दिया गया है. शिमला वर्तमान में उत्क्रमित उच्च विद्यालय शारदा में शिक्षिका है. वहीं गोलमाल के गवाह बने आयुक्त कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत […]
चाईबासा : जालसाजी कर बेटी को अनुकंपा पर शिक्षिका की नौकरी दिलाने के आरोपी पिता व खुंटपानी अंचल के लिपिक सतीश कुमार सुंडी व शिक्षिका पुत्री शिमला सुंडी को निलंबित कर दिया गया है. शिमला वर्तमान में उत्क्रमित उच्च विद्यालय शारदा में शिक्षिका है.
वहीं गोलमाल के गवाह बने आयुक्त कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत लिपिक अनिल सुंडी व सरायकेला-खरसावां जिला के उत्पाद विभाग में कार्यरत लिपिक शैलेंद्र कुमार सुंडी पर विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा की गयी है. आवेदिका की ओर सेनौकरी के लिए दिये गये साक्ष्यों में दोनों लिपिकों द्वारा झूठी गवाही देने का आरोप साबित हुआ है. साधुचरण कुंटिया ने मामले की जांच करने की मांग आयुक्त से की थी. आयुक्त के निर्देश पर पश्चिम सिंहभूम के अपर उपायुक्त की जांच में अनुकंपा बहाली में जालसाजी का खुलासा हुआ.
क्या है मामला : लिपिक सतीश कुमार सुंडी की पत्नी सुशीला सुंब्रुई मध्य विद्यालय, नरसंडा में सहायक शिक्षिका के पद पर कार्यरत थी. उनका निधन 20.1.2006 को हो गया. पत्नी के स्थान पर ही बेटी शिमला सुंडी को अनुकंपा के आधार पर उत्क्रमित उच्च विद्यालय शारदा में बहाल करवा दिया. तब लिपिक सतीश जिला स्थापना कार्यालय में ही कार्यरत था.
यही से अनुकंपा पर नौकरी दिये जाने की फाइल डील होती है. सरकारी नियम के अनुसार अगर मां-पिता दोनों नौकरी में हैं और दोनों में से किसी एक का निधन हो जाता है तो आश्रित को अनुकंपा पर नौकरी नहीं दी जा सकती. इसके बावजूद साक्ष्यों को छुपाकर लिपिक ने अपनी बेटी को शिक्षिका के पद पर बहाल करवा दिया. फरजीवाड़े में दो अन्य लिपिकों ने गवाह बनकर सहयोग किया. जांच में यह भी पाया गया है कि लिपिक ने दूसरी शादी भी क र ली है.
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