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सारंडा में वर्षो से अधूरी हैं कई योजनाएं
मुख्यमंत्री से सारंडावासियों को है उम्मीदें राधेश सिंह राज मनोहरपुर : वर्ष 2011 में मनोहरपुर के 56 गांवों में सारंडा एक्शन प्लान (अब सारंडा डेवलपमेंट प्लान) के शुरू हुए तीन वर्ष से अधिक हो गया है. इन गांवों में विभिन्न कार्यक्रमों के अंर्तगत कई प्रकार की योजनाएं संचालित की गयी अथवा की जा रही है. […]
मुख्यमंत्री से सारंडावासियों को है उम्मीदें
राधेश सिंह राज
मनोहरपुर : वर्ष 2011 में मनोहरपुर के 56 गांवों में सारंडा एक्शन प्लान (अब सारंडा डेवलपमेंट प्लान) के शुरू हुए तीन वर्ष से अधिक हो गया है. इन गांवों में विभिन्न कार्यक्रमों के अंर्तगत कई प्रकार की योजनाएं संचालित की गयी अथवा की जा रही है.
परंतु इससे पूर्व से सारंडा में शुरू की गयी कई लाभकारी योजनाएं अभी भी अधूरी हैं. जिसका खुलासा कई बार प्रशासनिक अधिकारियों के सारंडा आगमन के दौरान भी ग्रामीणों ने किया. बावजूद अधिकारियों की चुप्पी से ग्रामीणों में असंतोष व्याप्त है. विगत दिनों कई बार सारंडा डेवलपमेंट प्लान की मॉनिटरिंग सदस्य जिले के उपायुक्त को पत्र लिखकर,ज्ञापन पत्र देकर आधी अधूरी योजनाओं की जांच करते हुए कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है.लगभग एक वर्ष से जिला प्रशासन से हो रहे पत्रचार के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
विकास योजना से जुड़े अधिकारी वर्ग तथा बिचौलियों के कारण योजना ठीक से धरातल पर नहीं उतर रही है.कई अभियंता जेल में हैं, तो कोई बेल में है. योजनाओं की सुध लेने वाला कोई नहीं.
वित्तीय वर्ष : 2007-08
राजीव गांधी सेवा केंद्र, छोटानागरा, बाईहातू
प्राक्कलित राशि:
खर्च : 06 लाख रुपये
यह योजना विगत कई वर्षो से आधी अधुरी पड़ी हुई है.इसका काम तत्कालिन कनिय अभियंता हरिनंदन रजक देख रहे थे.
वित्तीय वर्ष : 2011-12
पंचायत भवन, छोटानागरा
प्राक्कलित राशि: करीब 22 लाख
खर्च : 08 लाख
विभाग के सहायक अभियंता शशी प्रकाश के नाम पर एग्रीमेंट था.उनके जेल जाने के बाद इस पंचायत भवन के अलावा रायकेरा पंचायत भवन भी अधूरा पड़ा है.
वित्तीय वर्ष : 2007-08
स्वास्थ केंद्र, छोटानागरा
प्राक्कलित राशि: 54 लाख रुपये लगभग
खर्च: 22 लाख के लगभग
योजना के प्राक्कलन के अनुरुप ना बनाकर अन्य भवन के प्राक्कलन के मुताबिक बनाये जाने के कारण काम आधा-अधूरा है.
वित्तीय वर्ष : 2007-08
प्राक्कलित राशि-22 लाख
खर्च——-
दीघा में पंचायत भवन का निर्माण,तत्कालीन कनीय अभियंता मनोज कुमार द्वारा कराया जा रहा था.योजना आज की तिथि में ध्वस्त होकर जमींदोज हो रहा है.
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