चक्रधरपुर : दो जुडवां शिशु को जन्म देते ही उसकी मांचल बसी. जानकारी के अनुसार सीमिदिरी गांव के निवासी चंद्र मोहन महाली की पत्नी सरस्वती महाली गर्भवती थी. उसे 18 सिंतबर की रात प्रसव पीड़ा शुरू हुआ.
जिसके बाद सरस्वती महाली ने अपनी पति को बताया. पति ने शीघ्र ही सहिया रैवती महतो को दूरभाष के माध्यम से इसकी जानकारी दी. उसने शीघ्र ही ममता वाहन की व्यवस्था कर पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराने का आग्रह किया.
परंतु समय पर ममता वाहन नहीं पहुंचने के कारण श्री महली के पत्नी अलसुबह अपने घर में ही दो जुडवां शिशु को जन्म दिया. जिसमें सुबह चार बजे एक शिशु व पांच बजे एक शिशु को जन्म दिया. जन्म देने के बाद भी वह कुछ देर जीवित थी. शिशुओं को जन्म देने के बाद श्री महाली की पत्नी की स्थिती और बिगड़ने लगी.
इसके बाद एक बार फिर सहिया रैवती महतो को फोन किया. उसके बाद ममता वाहन पहुंचा. जिसके बाद शीघ्र ही ममता वाहन में सवार हो कर उच्च इलाज के लिए मां व दोनों शिशुओं को अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल पहुंचने के पहले ही महाली के पत्नी सरस्वती की मौत हो गयी थी. अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टर ने उसकी पत्नी को मृतक घोषित कर दिया. साथ ही कहा कि दोनों बच्चे स्वस्थ हैं.
समय पर नहीं पहुंचा ममता वाहन
सरस्वती महाली के पति चंद्र मोहन महाली ने कहा कि सहिया रैवती महतो को दो बार फोन करने के बाद भी ममता वाहन समय पर नहीं पहुंचा. जिसके कारण मेरी पत्नी की मौत हो गयी. मोहन ने बताया कि तीन साल की एक बच्ची पुन महाली व दो जुडवा बच्च है.
ट्रक फंसने के कारण नहीं पहुंचे
ममता वाहन के चालक मो हकानी के कहा कि सहिया रैवती महतो के द्वारा रात 8:30 बजे में फोन आया. उसके बाद मरीज को लाने के लिए गया था, परंतु रास्ते में एक ट्रक फंसा हुआ था. जिसके कारण वाहन आगे बढ़ नहीं सका. जिसके बाद श्री महाली को कहा गया कि पत्नी को किसी तरह वाहन के पास लाया जाए.
ताकि उसे अस्पताल ले जाया जा सके. परंतु श्री महाली ने कहा कि पत्नी की हालत काफी नाजुक होने के कारण उसे वाहन के पास नहीं लाया जा सका. जिसके कुछ देर बाद वहां से वापस लौट आये.