नगरऊंटारी (गढ़वा) : केपी के समर्थकों द्वारा एनएच 75 को जाम किये जाने तथा जाम को समाप्त करने के लिए पुलिस द्वारा बल प्रयोग किये जाने के संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कहा कि केपी सामाजिक समीकरण को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे थे.
उनके द्वारा कई अन्य सम्मानित नेताओं को छद्म नाम से अप शब्दों का प्रयोग किया जा रहा था. एसडीओ ने कहा कि विगत 18 अगस्त को केपी को आश्वासन दिया गया था कि 15 दिन के अंदर ग्राम सभा करा के लाभान्वितों को राशन कार्ड दिया जायेगा. लेकिन केपी नहीं माने.
उनके द्वारा एक नयी मांग जोड़ी गयी कि बिना खतियान के स्थानीय निवास प्रमाण पत्र दिया जाये. विगत दिनों जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने उन्हें समझाया, लेकिन सब बेअसर साबित हुआ.
सोमवार को उनके समर्थकों द्वारा रोड जाम किये जाने पर उन्हें गिरफ्तारी देने का आग्रह भी किया गया, लेकिन गिरफ्तारी न देकर उनके समर्थक पत्थरबाजी करने लगे. इससे सअनि बी के सिंह सहित तीन पुलिसकर्मी घायल हो गये. उन्होंने कहा कि उनके खराब स्वास्थ्य को देखते हुए गढ़वा रेफर कर दिया गया है.
शनिवार से नखरे दिखा रहे थे केपी : पांच सूत्री मांगों को लेकर अनुमंडल कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन पर बैठे केपी यादव व प्रशासन के बीच विगत शनिवार से खटास बढ़ने लगा था. शनिवार की दोपहर अनुमंडल पदाधिकारी व केपी यादव ने नोंक झोंक भी हुई थी. केपी यादव ने तब अनुमंडल पदाधिकारी पर अपशब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाया था.
इस घटना के बाद केपी यादव ने अपने समर्थकों को बुला लिया था. समर्थकों ने पहुंच कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. शनिवार की रात को समर्थकों ने लाउड स्पीकर लगा कर प्रशासन के खिलाफ देर गये रात तक नारेबाजी की तथा अपशब्दों का भी प्रयोग किया. केपी का गिरता स्वास्थ्य प्रशासन के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा था. शनिवार को मेडिकल टीम ने इनके स्वास्थ्य की जांच की तथा स्लाइन चढ़ाने की सुझाव दिया, लेकिन केपी तैयार नहीं हुए.
जिला से आयी मेडिकल टीम ने पैथोलोजिकल जांच कराने की अनुशंसा किया था, जिसके लिए गढ़वा जाना आवश्यक था. लेकिन केपी अड़े रहे. समझौता नहीं होने पर रविवार को केपी समर्थकों ने सभा की तथा समर्थकों द्वारा मांगें नहीं माने जाने पर एनएच 75 को जाम करने का निर्णय लिया.
एसडीओ से नोंकझोंक हुई : सोमवार को इलाज के लिए केपी यादव को भेजे जाने को लेकर एक बार फिर अनुमंडल पदाधिकारी व केपी यादव में नोंक–झोंक हुई. केपी ने मुक्का तान कर एसडीओ अपशब्द कहे.
भारी संख्या में पुलिस बल व पुलिस के डंडे को देख कर केपी के समर्थक भाग खड़े हुए, तो अनशन पर केपी अकेले रह गये तथा उन्हें अकेले ही सब कुछ सुनना व सहना पड़ा. यदि केपी ने आमरण अनशन के धर्म को निभाया होता, तो उनके अनशन की परिणति इस तरह नहीं होती.
नाइंसाफी हुई है (केपी यादव) सोमवार को अपने समर्थकों द्वारा किये गये सड़क जाम व पुलिस द्वारा किये गये बल प्रयोग के संबंध में केपी यादव ने कहा कि उनके साथ प्रशासन द्वारा नाइंसाफी की गयी है. प्रशासन उनके आंदोलन को कुचलने का काम किया है, जिससे की राशन की कालाबाजारी जारी रहे.