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आज जहां भी हो, कल को मत भूलो : शंकराचार्य
चाईबासा : मनुष्य को कभी भी गुजरे हुए कल को नहीं भूलना चाहिए. चाहे वह आज किसी भी मुकाम पर क्यों न हो. चाईबासा में चल रहे नौ दिवसीय श्रीरामचरितमानस कथा के रविवार को समापन पर शंकराचार्य दिव्यानंद जी ने यह बात कही. उन्होंने सत्य और असत्य की कथा सत्यनारायण कथा की विस्तार से जानकारी […]
चाईबासा : मनुष्य को कभी भी गुजरे हुए कल को नहीं भूलना चाहिए. चाहे वह आज किसी भी मुकाम पर क्यों न हो. चाईबासा में चल रहे नौ दिवसीय श्रीरामचरितमानस कथा के रविवार को समापन पर शंकराचार्य दिव्यानंद जी ने यह बात कही. उन्होंने सत्य और असत्य की कथा सत्यनारायण कथा की विस्तार से जानकारी दी.
उन्होंने उपस्थित भक्तों को कथा को प्रवचन के जरिये सुनने व इस पर मंथन करने का सुझाव दिया. राजसी, विलासी व तामसी जीवन को छोड़कर मृत्यु निश्चित सोचकर अच्छे कर्म करने की सलाह दी. उन्होंने ज्ञान रूपी अहंकार को त्यागने की सलाह दी. लोगों को जीवन का सूत्र बताते हुए कहां कि आज तुम जहां हो कल को मत भूलो. जिससे आगे का रास्ता तुमहारे लिए निरंतर खुला रहेगा. साथ ही जीवन में जो भी कार्य करो, प्रभु का स्मरण करना कभी न भूलो. प्रवचन में बड़ी संख्या में महिला-पुरुष उपस्थित थे.
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