चक्रधरपुर : भाई–बहन के अटूट प्यार का त्योहार रक्षाबंधन चक्रधरपुर में धूमधाम से मनाया गया. इसकी वजह से सुबह से ही मंदिरों में भी रौनक रही. बहनों ने निजर्ला रहकर थाली में तिलक, आरती, राखी, चावल, मिठाई आदि सजाया.
तत्पश्चात भाई को बहनें राखी बांधी. राखी बांधने के बाद बहनें भाई को मिठाई खिलायी. भाइयों ने बहनों को कई आकर्षक उपहार व नगद राशि भेंट की. चक्रधरपुर में 21 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया गया. जबकि कई क्षेत्रों में 20 अगस्त को भी रक्षाबंधन का त्योहार मनाया गया था.
मिठाई दुकानों में भीड़
रक्षाबंधन के मौके पर मिठाई की दुकानों में जमकर भीड़ रही. सुबह से ही मिठाई की दुकानों में भीड़ भाड़ देखी गयी. मिठाई दुकानदारों द्वारा रक्षाबंधन को लेकर विशेष मिठाई तैयार किया गया था. 100 से 500 रुपये तक प्रति किलोग्राम तक की मिठाई बिक्री हुई. मिठाई के अलावे बाजारों में राखी की भी जमकर खरीद–बिक्री हुई.
सुबह से ही दिखा उत्साह
मनोहरपुर : मनोहरपुर प्रखंड समेत आसपास के क्षेत्रों में रक्षाबंधन का पर्व काफी उत्साह व उल्लास के साथ मनाया गया. बहनों ने पूरी श्रद्धा के साथ अपने भाइयों की कलाई पर राखी को बांधकर भाईयों से रक्षा का वचन लिया. मनोहरपुर व आसपास क्षेत्रों में 99 फीसदी लोगों ने रक्षाबंधन का पर्व शुभ मुहूर्त के मुताबिक आठ बजे से पूर्व ही मनाया. जबकि विभिन्न क्षेत्रों में पूरे दिन राखी बांधने का क्रम जारी रहा.
दूसरी ओर मनोहरपुर में विभिन्न संगठनों की महिलाओं ने भी सामूहिक रक्षा बंधन का कार्यक्रम रखा. इस दौरान भाजपा प्रखंड महिला मोरचा की ओर से प्रखंड कार्यालय अवस्थित सीआरपीएफ बटालियन 174(इ) के जवानों के कलाई में राखी बांध कर रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया.
इससे पूर्व महिलाओं ने मनोहरपुर थाने के तमाम अधिकारी व जवानों के कलाई में राखी बांधी. इधर राखी पर्व के मद्देनजर विभिन्न गांवों में खेलकूद प्रतियोगिता व मुर्गा पाड़ा इत्यादी का आयोजन किया गया. मनोहरपुर समेत आनंदपुर, चिरिया, छोटानागरा व जराईकेला क्षेत्रों में बुधवार को राखी का पर्व काफी उत्साह के साथ मनाया गया.
लिया रक्षा का वचन
गोइलकेरात्न भाई–बहन के अटूट स्नेह का प्रतीक रक्षा बंधन पारंपरिक रूप से मनाया गया. भाइयों को राखी बांधकर बहनों ने रक्षा का वचन लिया. भाइयों ने बहनों को उपहार दिये. रक्षाबंधन को लेकर बुधवार की सुबह से ही बाजार में चहल–पहल रही. मिठाई दुकान से लेकर राखियों की दुकानों में भी खासी भीड़ रही.
राखी पसंद करने वालों की भीड़ भी रही. पारंपरिक रूप से घर की महिलाएं सबसे पहले दुर्गा मंडप स्थित काली मंदिर में पूजा–अर्चना की. सुबह से मंदिर में भीड़ रही. उसके बाद नियत समय पर भाइयों ने राखी बंधवाया.