जोनल कमांडर अमित भी गिरफ्तार
चाईबासा : संदीप दा के लिये लेवी वसूल कर लौट रहे तीन नक्सलियों को मनोहरपुर पुलिस ने 28 लाख 33 हजार 100 रुपये नकद राशि के साथ रविवार दोपहर तुमसाई व टोंगों के बीच धर दबोचा. पुलिस मुख्यालय में एसपी पंकज कंबोज ने नक्सलियों की गिरफ्तारी का खुलासा सोमवार को किया.
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार नक्सलियों में अमित उर्फ चंदर हांसदा (साकीनडोरी,गोमिया) संदीप दा के दस्ते का जोनल कमांडर है. जबकि सूर्यम उर्फ सियाराम उर्फ रामलाल चाकी (साकीनडोरी, कुदाबुरू मुंडाटोला सोनुवा) इस दस्ते का सेक्शन कमांडर है. वहीं तीसरा यरमिया चेरवा (महुलडीहा, मनोहरपुर) ओवर ग्राउंड वार्कर है.
खुफिया जानकारी पर पकड़ा
संदीप दा के कहने पर तीनों मीना बाजार गिनडुंग में ओरस इंडिया के यहां लेवी का पैसा लेने पहुंचे थे. बोलेरो पर आये ओरस इंडिया के मैनेजर मुखर्जी तथा कैशियर अजय सिंह ने इन्हें लेवी के 28 लाख रुपये दिये थे.
जिन्हें वे साइकिल पर लेकर संदीप दा को पहुंचाने जा रहे थे. खुफिया जानकारी के तहत पुलिस ने इन्हें नाकाबंदी कर पकड़ लिया. तीनों नक्सलियों के साथ–साथ ओरस इंडिया के मालिक विनय पसारी, मैनेजर मुखर्जी व कैशियर अजय सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया है. एसपी ने बताया कि नक्सलियों के पास से बरामद दो पत्रों से यह पता चला है कि ओरस ने इससे पहले भी नक्सलियों को 10 लाख की लेवी दी थी.
संदीप दा के कहने पर की गयी थी जयपाल पुरती की हत्या
गिरफ्तार नक्सली कमांडर अमित ने बताया कि संदीप दा के कहने पर करमडीहा के मुखिया जयपाल पुरती की हत्या की गयी. संदीप दा ने उन्हें बताया था जयपाल ग्रामीण जनता की जमीन हड़प कर उसमें बाहरी लोगों को बसा रहा है. इस लिये उसकी हत्या करनी है. अमित ने ही जयपाल को पहली गोली मारी थी. जबकी गिरफ्तार सूर्ययम ने जयपाल पर तीसरी गोली चलायी थी. जयपाल की हत्या के लिये नक्सलियों का एक दर्जन दस्ता लेकर अमित वहां गया था.
दर्जनों वारदातों में वांछित है कमांडर अमित
अमित 2003 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. जिसके बाद से उसने बोकारो, हजारीबाग, गिरडीह में कई घटनाओं को अंजाम दिया. गिरडीह में वह नवीन माझी के दस्ते में प्लाटून कमांडर था. 2009 से वह बुंडा, कोल्हान, पोडाहाट जोनल कमेटी में शामिल हो गया.
दीधा में पुलिस पार्टी के साथ हुई एनकाउंटर में उसके हाथ में गोली लगी थी. बांडू पोडाहाट एनकाउंटर, पाटुंग एनकाउंटर, 2005 में गिरीडीह में रायफल लूट, 2009 में फूसरो बाजार में हथियार लूट, नवाडी में पेट्रोलिंग गाडी उड़ाने, रेलवे की तीसरे लाइन का काम कर रहे ठेकेदारों की गाड़ी जलाने समेत विभिन्न घाटनाओं में उसने अपनी संलिप्ता स्वीकारी है.
मुंडा व हो ऊंचे पद के काबिल नहीं
गिरफ्तार सूर्ययम ने बताया कि नक्सली संगठन के ऊंचे पदों में संथालियों का बर्चस्व है. उसे कहा जाता था कि हो व मुंडा ऊंचे पद के काबिल नहीं. उसे पैसा नहीं दिया जाता तथा संगठन छोड़ने पर पुलिस द्वारा पकड़ने की धमकी दी जाती थी. 2008 से वह नक्सली संगठन में जुड़ा है.
मानवाधिकार संगठन के लोगों को नक्सलियों से मिलाने का काम करता था यरमिया
गिरफ्तार यरमिया ने बताया कि वह मानवाधिकार के लोगों को नक्सलियों के साथ मिलाने का काम करता था. पिछले दिनों उसने मानवाधिकार कार्यकर्ता शशिभूषण को संदीप दा के कहने पर सारंडा घुमाया था.
मनोहरपुर में उसकी स्टेशनरी की दुकान है. ओवर ग्राउंड वर्कर होने के कारण वह यहां से पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखता था. अमित व सूर्ययम को वह लेवी की राशि मिलने की जगह पर ले गया था. लेवी की राशि में से 50 हजार रुपये उसने पत्नी के इलाज के लिये रख लिया था. जिसे पुलिस ने उसके दुकान से बरामद कर लिया है.