चाईबासा : एक छोटे प्रयास ने पूरे गांव की तसवीर बदल दी. लोगों ने स्वयं से मेहनत मजदूरी कर शौचालय बनाना शुरू किया. खेती को उन्नत बनाया. नशाबंदी को ले महिला-पुरुष ने संयुक्त रूप से अभियान चलाया.
आपस में मिल जुल कर रहने की जो मिसाल है सो अलग. इनकी सादगी और कार्य कुशलता की चहुंओर चर्चा होने लगी. तब प्रशासन की नजर गांव पर पड़ी और राघोई को जिले का आदर्श ग्राम का दर्जा मिला. सोमवार को राघोई के ग्रामीण मुंडा सोनाराम की अगुवाई में उपायुक्त से मिले.
ग्रामीणों ने प्रशासन की पहल के लिए उपायुक्त का आभार जताया. विकास में आ रही बाधाओं की जानकारी डीसी को दी तो उनके निदान के उपायों पर भी विचार किया. समाहरणालय सभागार में ही ग्रामीणों के साथ जिला योजना पदाधिकारी ने समस्याओं पर बिंदुवार चर्चा की.
ग्राम सभा को नहीं मालूम अधिकार
ग्राम सभा में 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन हुआ है. लेकिन, विभागीय मंत्री अपने विभाग का कार्य नहीं जान सके हैं. जैसे कृषि पदाधिकारी को नहीं पता है कि बीज व खाद का वितरण कहां से होता है. तय हुआ कि मंत्रिमंडल के सभी 12 सदस्यों को उनके विभाग से संबंधित कार्यो की जानकारी दी जायेगी.
सबक ले सकते है अन्य गांव
आदर्श ग्राम का दर्जा पाने के लिए जो मापदंड बने हैं उस पर खरा उतरने वाले अन्य गांवों को भी आदर्श गांव का दर्जा मिल सकता है.