चाईबासा : राज्यसभा के सांसद प्रदीप बलमुचु ने कहा कि सरकार बनाने को लेकर संगठन व पार्टी विधायकों की राय अलग-अलग है. संगठन चुनाव चाहता है, तो विधायक सरकार का गठन. भाजपा सत्तालोलुप है. वह सरकार बनाने के लिए किसी भी स्तर पर जा सकती है. कांग्रेस पार्टी ऐसा नहीं कर सकती है.
सरकार बनाने को लेकर अभी फिलहाल जरूरी 41 विधायकों का आंकड़ा नजर नहीं आ रहा है. कांग्रेस का बिहार में जद यू को दिये गये समर्थन से राजद विधायक कांग्रेस समर्थित किसी सरकार में जायेंगे, इस पर संशय है. अन्नपूर्णा देवी को बयानबाजी नहीं करनी चाहिए.
चुनाव के बाद कांग्रेस-झाविमो का गंठबंधन सबसे बड़ा घटक था, लेकिन हमने सरकार बनाने की कोई पहल नहीं की. राज्यपाल के माध्यम से सरकार चलाने की कांग्रेस की कोई मंशा नहीं है. सब कुछ संवैधानिक प्रक्रिया के तहत हो रहा है. सरकार बन भी जाती है, तो बचे सवा सवाल में अपेक्षित विकास नहीं कर पायेंगे और भाजपा की कारस्तानी हमारे सिर आ जायेगी.
अब ऐसा प्रतीत होने लगा है कि धीरे-धीरे प्रदेश चुनाव की ओर बढ़ रहा है. झामुमो के पास विकास का क्या विजन है, ये अभी तक स्पष्ट नहीं है. हम विकास के नाम पर समझौते करते हैं सत्ता की खातिर नहीं. प्रदेश प्रभारी रांची में सरकार गठन पर बात के लिए ही आये थे, लेकिन दुर्भाग्य से रांची में पार्टी नेताओं के बीच घटी घटना से सार्थक बात नहीं हो सकी.
दिल्ली में प्रदेश प्रभारी से मिल कर सारी स्थिति बता दी गयी है. उत्तराखंड में आयी आपदा को लेकर सभी नेता लगे हुए हैं. जैसे ही इस घटना से हम उबर जायेंगे सरकार बनेगी की नहीं, इसकी घोषणा हो जायेगी. संभवत: जुलाई माह के पहले सप्ताह में फैसला हो जायेगा.