चाईबासा : राजंका माइंस से लाइम स्टोन के खनन पर कोंदवा के रैयतों को कोई आपत्ति नहीं है. कोंदवा के सभी रैयत अपनी तीन मांग पर एसीसी कंपनी को सहमति का पत्र सौंपने पर शनिवार को राजी हो गये. समाहरणालय सभागार में मैनेजमेंट, रैयत व प्रशासन के साथ हुई त्रिपक्षीय वार्ता में ये निर्णय हुआ. सहमति का पत्र मुंडा की ओर से सोमवार को एडीसी अजीत शंकर को सौंपा जायेगा.
गांव वालों की मांग में सुरेश सांवैया को मुआवजा देने, क्षेत्र में शिक्षा, पानी तथा कंपनी में स्थानीय को रोजगार देना शामिल था. जिस पर प्रबंधन ने हामी भर दी. तीन लोगों की ओर से क्लेम करने के कारण पैसा ट्रेजरी में रहने के बाद भी सुरेश को मुआवजा नहीं मिल पाया है. मुंडा को इस मामले का निष्पादन करने का काम दिया गया. मौके पर एडीसी अजीत शंकर, कोंदवा के रैयत मानकी-मुंडा तथा मैनेजमेंट की ओर से एचआर मैनेजर सुरेंद्र सिंह, विश्वजीत दोरायबुरू, माइंस मैनेजर संजीव सोनी, प्रणव आर्या उपस्थित थे.
राजंका व दोड़िता में पेंच
एसीसी विवाद मामले के केंद्र तीन गांवों में से एक गांव की सहमति हो जाने के बाद अभी भी दोड़िता व राजंका गांव के रैयतों के साथ वार्ता के बाद ही अंतिम रूप से कोई निष्कर्ष निकलेगा. यानि कंपनी का भविष्य क्या होगा, इसका पहला पड़ाव ही कंपनी ने अभी पार किया है. दोड़िता व राजंका गांव के रैयतों के बीच वार्ता की अभी कोई तिथि तय नहीं हुई है. उल्लेखनीय है कि जिस राजंका माइंस को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ है. उसकी भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि माइंस एरिया राजंका, कोंदवा व दोड़िता तीन गांवों को स्पर्श करता है. यानि इस मांइस के लिए तीनों गांव के रैयतों ने अपनी जमीन दी है. वहीं कंपनी फिर एक बार सप्ताह भर में रॉ मटेरियल खत्म होने और उत्पादन ठप होने की चिंता दोहरायी है.