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ग्रामीण महिलाएं शिक्षा को बना रही हैं शक्ति

जमशेदपुर : शिक्षा की शक्ति हर युग में निर्विवादित रही है. ऐसे में भला पश्चिमी सिंहभूम की महिलाएं इस शक्ति को पाने से कैसे वंचित रह सकती हैं. वर्ष 2011 में संपन्न जनगणना के दौरान यह बात सामने आयी कि यहां की महिलाओं ने शिक्षा की शक्ति को पहचाना है. वह अधिक से अधिक संख्या […]

जमशेदपुर : शिक्षा की शक्ति हर युग में निर्विवादित रही है. ऐसे में भला पश्चिमी सिंहभूम की महिलाएं इस शक्ति को पाने से कैसे वंचित रह सकती हैं. वर्ष 2011 में संपन्न जनगणना के दौरान यह बात सामने आयी कि यहां की महिलाओं ने शिक्षा की शक्ति को पहचाना है. वह अधिक से अधिक संख्या में साक्षर होना चाह रही हैं.

ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में शिक्षा को लेकर सजगता काफी बढ़ी है. यह ग्रामीण महिलाओं के साक्षरता प्रतिशत में भी देखने को मिल रहा है. हाल ही में राज्य सरकार की ओर से वर्ष-2011 के जनगणना से संबंधित जारी आंशिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है.

वर्ष 2001 में जहां ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं का साक्षरता प्रतिशत 30.86 था वहीं यह वर्ष 2011 में बढ़कर 38.29 प्रतिशत हो गया है. आंकड़ों के हिसाब से यदि देखा जाए तो 2001 में पश्चिमी सिंहभूम के ग्रामीण क्षेत्र में कुल तीन लाख 38 हजार एक लोग साक्षर थे. उसमें से कुल एक लाख चार हजार 322 ग्रामीण महिलाएं पढ़ी लिखी थीं. वर्ष 2011 आते-आते आंकड़ों में तेजी से बदलाव देखने को मिला.

वर्ष 2011 में साक्षरता प्रतिशत जहां 37.94 (2001) से बढ़कर 48.42 प्रतिशत हो गया. ग्रामीण साक्षरता और ग्रामीण महिलाओं की साक्षरता की स्थिति भी तेजी से बदली.

2011 में ग्रामीण क्षेत्र में कुल पांच लाख 70 हजार 404 लोग साक्षर थे, इनमें से दो लाख 18 हजार महिलाओं ने पढ़ाई की है. प्रतिशत के लिहाज से 38.29 फीसदी. वैसे पूरे जिले में महिला साक्षरता की दर में भी इस दौरान काफी बदलाव देखने को मिला है. 2001 में जहां पूरे जिले की केवल 33 प्रतिशत महिलाएं ही साक्षर थीं वहीं 2011 में यह दर बढ़कर 39.62 प्रतिशत हो गया है.

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