चक्रधरपुर : देश के स्टील उद्योग के लिये लौह अयस्क का उत्पादन का सबसे बड़ा हिस्सा चक्रधरपुर रेल मंडल के कार्यक्षेत्र में है. जितनी अधिक लौह अयस्क का उत्खन्न हो रहा है, इसके अनुपात में माल डिब्बे रेल मंडल को उपलब्ध नहीं हो रहे हैं. यह अपेक्षा कंपनियों की लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2016-17 में माल लदान की गयी थी.
इसमें काफी हद तक सुधार कर परिवहन क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा. वर्ष 2017-18 में मौजूदा वैगनों के मापदंड समान हैं. इसके बावजूद मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ाकर, औसत गति में सुधार कर 30 फीसदी माल डिब्बों की जरूरतों को पूरा किया गया. झारसुगुड़ा एमसीएल नयी साइडिंग व महानदी कोल फिल्ड में रेलवे से लदान करने के लिये तैयारी पूरी हो चुकी है. आगामी वित्तीय वर्ष महानदी कोल फिल्ड व एमसीएल से पहली बार कोयला की ढुलाई शुरू होगी.
जबकि रुंगटा के जिरुली के साइडिंग को फिर से चालू किया जायेगा. इन साइडिंगों के चालू होने से चक्रधरपुर रेल मंडल का माल लदान में रिकॉड तोड़ बढ़ोत्तरी होगी. उक्त बातें डीआरएम क्षत्रसाल सिंह ने कही. वे मंगलवार को डीआरएम सभागार में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कर चक्रधरपुर रेलमंडल की उपलब्धियों व आगामी योजनाओं की जानकारी दे रहे थे. उन्होंने कहा कि टाटा वार्शिंग लाइन का जीर्णोंद्धार व लाइन का विस्तार किया गया है. अंत्योदय ट्रेन भी दोबारा चालू होगी. उन्होंने कहा कि चक्रधरपुर रेल मंडल के टिकट चेकिंग आय में पिछले वर्ष की तुलना में 1.33 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गयी.
इस वर्ष टिकट चेकिंग से कुल आय 8.34 करोड़ रुपये रही. माल लदान के राजस्व अर्जन में 1.56 फीसदी की हुयी वृद्धि : वित्तीय वर्ष 2017-18 में 109.86 मिलियन टन के रिकॉड माल लदान के साथ दपू रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल ने पिछले वित्तीय वर्ष के 109.60 मिलियन टन की तुलना में 0.26 मिलियन टन की वृद्धि की है. वर्ष 2017-18 के दौरान माल भाड़ा आय में 8053.51 करोड़ रुपये अर्जित किये गये, जो पिछले वर्ष से 123.84 करोड़ रुपये अधिक है. यह अबतक का सर्वक्षेष्ठ प्रदर्शन है. इस वर्ष यात्री परिवहन क्षेत्र भी बेहतर रहा. यात्री सुविधाओं के विस्तार सुधार व रेल परिसर एवं गाड़ियों में सफाई के लिये निरंतर प्रयास किये गये हैं. इसके फलस्वरुप वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान न सिर्फ गिरावट के ड्रेड को रोका जा सका.