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जिले में 20% प्रसव घरों में 105 प्रसूताओं की हुई मौत

प सिंहभूम. स्वास्थ्य विभाग ने बीते 8 माह की रिपोर्ट दी रिपोर्ट में कहा- संस्थागत प्रसव को लेकर महिलाएं हुईं जागरूक सुदूर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में अभी जागरुकता की कमी चाईबासा : पिछड़े जिले में शामिल पश्चिम सिंहभूम में हाल में संस्थागत प्रसव की स्थिति में सुधार आया है. हालांकि जागरुकता व संसाधन के […]

प सिंहभूम. स्वास्थ्य विभाग ने बीते 8 माह की रिपोर्ट दी

रिपोर्ट में कहा- संस्थागत प्रसव को लेकर महिलाएं हुईं जागरूक
सुदूर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में अभी जागरुकता की कमी
चाईबासा : पिछड़े जिले में शामिल पश्चिम सिंहभूम में हाल में संस्थागत प्रसव की स्थिति में सुधार आया है. हालांकि जागरुकता व संसाधन के अभाव में आज भी ग्रामीण क्षेत्र में 20 प्रतिशत प्रसव घर पर होता है. इस कारण हर साल 10 प्रतिशत प्रसूता की मौत हो जाती है. इसका खुलासा जिला स्वास्थ्य विभाग के जून 2017 से जनवरी 2018 की रिपोर्ट में हुआ है.
सुविधाओं पर उठ रहे सवाल
पश्चिम सिंहभूम में करीब तीन हजार से अधिक सहिया हैं. गांवों में गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग-रजिस्ट्रेशन, समय पर टीकाकरण, सुरक्षित प्रसव के लिये अस्पताल ले जाने की जिम्मेदारी आशा और स्वास्थ्य कर्मचारियों की है. इतनी बड़ी संख्या में घर पर प्रसव सवाल खड़े कर रहा है. हालांकि एएनएम को भी लक्ष्य दिया गया है.
केंद्र सरकार चला रही योजना
केंद्र सरकार की सहायता से जननी शिशु योजना में कई सुविधाएं नि:शुल्क मिलती हैं. इसमें गर्भवती को मुफ्त दवा, इलाज व सर्जरी, नवजात को एक माह तक फ्री इलाज, गर्भवती को अस्पताल तक ले जाने और घर छोड़ने के लिये फ्री एंबुलेंस की सुविधा शामिल है. इसके अलावा अनुसचूति जनजाति के लिये 2200 रुपये अतिरिक्त सहायता का प्रावधान है.
उप स्वास्थ्य केंद्र भवन नहीं होने से परेशानी : पश्चिम सिंहभूम में कुल 342 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं. इसमें मात्र 139 सरकारी भवन है. अन्य उप स्वास्थ्य केंद्र भाड़े पर चल रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में किराये पर घर लेने से मकान मालिक वहां प्रसव कराने की अनुमति नहीं देता है. इसके कारण एएनएम को परेशानी का सामना करना पड़ता है. सदर अस्पताल लाते-लाते कई महिलाओं का वाहन में प्रसव होता है. 96 बच्चों का जन्म एंबुलेंस, ममता वाहन व प्राइवेट वाहन में हुआ है.
गर्भवती की मिलती है प्रोत्साहन राशि
सरकार गर्भवती महिलाओं को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराती है. सरकारी अस्पताल में प्रसव होने पर सरकार 600 रुपये देती है. वहीं आंगनबाड़ी केंद्र से छह हजार रुपये दिया जाता है. सहिया व एएनएम को प्रत्येक गर्भवती महिला पर 250 रुपये सरकार देती है.
बीते आठ माह में जिले में प्रसव की स्थिति
पंजीकृत 44000
प्रसव 30000
वाहन में प्रसव 105
घर में प्रसव 4305
प्रसूता की मौत 117
टोंटो, गुदड़ी, बंदगांव में स्थिति ज्यादा खराब
विभाग के अनुसार बीते आठ माह में जिले में 4305 से अधिक महिलाओं ने घर पर बच्चे को जन्म दिया. लगभग 105 महिलाओं की मौत हो गयी. यह समस्या टोंटो, गुदड़ी, बंदगांव क्षेत्र में सबसे अधिक है. सुदूर क्षेत्र होने की वजह से गर्भवती महिलाएं उप स्वास्थ्य केंद्र व सदर अस्पताल नहीं पहुंच पाती हैं. सदर अस्पताल ने 44000 महिलाओं की डिलिवरी अस्पताल में कराने का लक्ष्य रखा था. जबकि 30 हजार महिलाओं की डिलिवरी अस्पताल में हुई.
जिले के 20 गांवों में समय पर नहीं पहुंचते हैं वाहन
पश्चिम सिंहभूम में 20 ऐसे गांव है जहां समय पर वाहन नहीं पहुंचता है. इसके कारण घर पर प्रसव होता है. इसे स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया, लेकिन खराब सड़क व सुदूर क्षेत्र होने के वजह से वाहन नहीं जा पाता है.

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