जिले के वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में बदलने का दें प्रस्ताव : डीसी
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आय, जाति और आवासीय बनाने में 30 दिन से अधिक लंबित तो जुर्माना
जिले के वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में बदलने का दें प्रस्ताव : डीसी उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में समन्वय समिति की बैठक चाईबासा : उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में बुधवार को जिला समन्वय की राजस्व, संग्रहण, ग्रामीण विकास की समीक्षा बैठक हुई. इसमें पता चला कि सबसे कम राजस्व संग्रह मंझारी अंचल […]
उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में समन्वय समिति की बैठक
चाईबासा : उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में बुधवार को जिला समन्वय की राजस्व, संग्रहण, ग्रामीण विकास की समीक्षा बैठक हुई. इसमें पता चला कि सबसे कम राजस्व संग्रह मंझारी अंचल में मात्र 181 रुपये हुआ है. वहीं सर्वाधिक झींकपानी अंचल में 75,000 का राजस्व संग्रह हुआ है. ऑनलाइन जनसंवाद हुए 30 दिनों से अधिक हो चुका है. जबकि चक्रधरपुर में 14, मनोहरपुर में 5 और सोनुवा में 6 लंबित मामले हैं. सभी अंचलाधिकारियों को निर्देश मिला कि मानकी, मुंडा, प्रधान, डाकुवा का आधार संख्या, खाता संख्या सहित सभी डिटेल उपलब्ध करायें. इसके बाद मानदेय भुगतान के लिए आवंटन की मांग 15 फरवरी तक हर हाल में की जाये. वन ग्राम को राजस्व गांव में परिणत करने का प्रस्ताव दिया जाये. जो ग्राम प्रधान, मुंडा, मानकी वर्ष 2005 के पूर्व बसे होने का साक्ष्य दें.
उपायुक्त ने कहा कि आय, जाति, आवासीय प्रमाण पत्र बनाने में 30 दिनों से ऊपर लंबित आवेदनों पर प्रतिनिधि के हिसाब से 100 रुपये जुर्माना लगाया जाये. जिस पदाधिकारी के लॉग इन लंबित होगा, उसे जुर्माना देना होगा. इसके लिए शनिवार तक का समय दिया गया है. शनिवार को
लंबित आवेदनों के आधार पर स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश एडीसी को दिया. तांतनगर में 13, आनंदपुर में 134, गुदड़ी में 28 व चक्रधरपुर में 46 आवेदन लंबित हैं, जो समय सीमा से अधिक हुए हैं. वन पट्टा निर्गत किये जाने व वन ग्राम से राजस्व ग्राम में परिणत करने के लिए फॉरेस्ट केस, थानों की केस डायरी व कुछ फोटोग्राफ साक्ष्य के रूप में हो सकते हैं.
चक्रधरपुर में अभी तक सबसे अधिक 14 जनसंवाद का मामला लंबित
2011 से 16 तक के लंबित इंदिरा आवास पूरा करने का निर्देश
उपायुक्त ने प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा में पाया कि जिले की उपलब्धि 86.6 प्रतिशत (2016-17) है. इस वित्तीय वर्ष में 1020 आवास लंबित है. इसमें प्लींथ लेवल 329 है. वही वित्तीय वर्ष 2017-18 में लक्ष्य 1020 की तुलना में पूर्ण 225 व 795 लंबित है. वित्तीय वर्ष 2018-19 का लक्ष्य 3800 है. इंदिरा आवास योजना में 2011-12 से 2015-16 के लंबित आवासों को पूरा कराने का निर्देश दिया. मनरेगा में मजदूरों का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जाता है. आज भी 9148 मजदूरों का डीबीटी होता है.
4159 मजदूरों का आधार अपडेट नहीं
जिले के मनरेगा मजदूरों में यूआइडी बिना 4159 मजदूर है. इसमें झींकपानी के 276, चाईबासा के 441, चक्रधरपुर में 494, जगन्नाथपुर 596 और गोइलकेरा में 422 मजदूर हैं. इनका यूआईडी नहीं अपडेट है. इसके अतिरिक्त जिला पेमेंट, डोभा निर्माण मनरेगा योजनाओं की पेंडेंसी व रोजगार सृजन का पंचायतवार योजना के आधार पर की गयी. इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अपर आयुक्त, एसडीओ सदर, चक्रधरपुर व सभी प्रखंडों के बीडीओ व अंचलाधिकारी उपस्थित थे.
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