टाटा-बिलासपुर सवारी गाड़ी में बुधवार को कई बच्चों का अपहरण कर लिया गया. उनमें से तीन बच्चों को एक स्थानीय महिला ने यात्रियों के सहयोग से गोइलकेरा स्टेशन पर उतार लिया, हालांकि रेल पुलिस को घटना की जानकारी नहीं है, वहीं तीनों बच्चे मुखिया के यहां सुरक्षित हैं.
गोइलकेरा : डेरवां के कोनैना गांव की रंदाय बोदरा ने बुधवार को तड़के टाटा बिलासपुर ट्रेन में तीन बच्चों को बच्च चोर गिरोह से छुड़ा लिया. जानकारी के अनुसार रंदाय गोइलकेरा से डेऱवां जाने के लिए ट्रेन में चढ़ी. जिस बोगी में वह चढ़ी, उसी बोगी में किसी ने बताया की शौचालय के अंदर तीन बच्चे बंद पड़े हैं.
बच्चों को बाहर निकाला गया, तो उसमें से दो बच्चे बेहोश थे. ट्रेन में सफर कर रहे अन्य यात्री ने उक्त बच्चों को डेरवां में ही उतार लेने का आग्रह करते हुए मानवता की दुहाई दी. इसके बाद रंदाय ने बिना वक्त बिताये तीनों बच्चों को डेरवां स्टेशन में उतार लिया. जिस वक्त बच्चों को उतारा गया, तीनों बच्चों का चेहरा सूखा हुआ था. एक बच्चे के तन पर तो कपड़े तक नहीं थे.
वहीं दो बच्चे भी फटे पुराने कपड़े पहने हुए थे. तीनों बच्चे डर व भय से इतना आंक्रांत थे की मुहं से कुछ नहीं बोल पा रहे थे. अंदेशा है कि बच्चों को ले जाने वाले लोग दूसरे बोगी में थे तथा कुछ और बच्चों को लेकर जा रहे थे. तीन में से एक बच्चे ने हिम्मत कर कहा कि और भी बच्चे ले जाये जा रहे हैं. रंदाय ने तीनों बच्चों को उतारा तथा सबसे पहले उन्हें खाना खिलाया. फिर उन बच्चों को कायदा पंचायत के मुखिया सोमनाथ गुंदुवा को सुपुर्द कर दिया.