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अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कुर्सी बचाने में प्रखंड प्रमुखों की रही अहम भूमिका

चाईबासा : जिला परिषद अध्यक्ष लालमुनी पूर्ति व उपाध्यक्ष चांदमनी बालमुचू की कुर्सी बचाने में कामयाब रहीं. अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ आया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया. बताया जा रहा है कि अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कुर्सी बचाने में प्रखंड प्रमुखों की अहम भूमिका रही. बताया जा रहा है कि 18 में से लगभग 12 […]

चाईबासा : जिला परिषद अध्यक्ष लालमुनी पूर्ति व उपाध्यक्ष चांदमनी बालमुचू की कुर्सी बचाने में कामयाब रहीं. अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ आया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया. बताया जा रहा है कि अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कुर्सी बचाने में प्रखंड प्रमुखों की अहम भूमिका रही. बताया जा रहा है कि 18 में से लगभग 12 प्रखंड प्रमुखों ने अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया.

28 में से अधिकांश जिला परिषद सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया. अर्थात, जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ मतदान किया.

झामुमो के पांचों विधायकों के मत का भी हुआ बंटवारा, गीता कोड़ा रहीं मौन
अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव में पश्चिमी सिंहभूम के पांचों विधानसभा तथा खरसावां विधानसभा के विधायक भी वोटर थे. छह में से पांच विधायक झामुमो के हैं. बताया जा रहा है कि झामुमो के सभी पांचों विधायकों का मत एकतरफा नहीं गया है. कुछ विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में तो कुछ विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया. जगन्नाथपुर विधायक गीता कोड़ा ने गुपचुप मतदान किया. गीता कोड़ा ने किसे वोट किया और झामुमो के किन-किन विधायकों ने प्रस्ताव के पक्ष व विरोध में वोट किया, इसे लेकर पूरे दिन भर चर्चा होती रही.
भाजपा जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिरा : बीते 24 अगस्त को भाजपा जिलाध्यक्ष शुरूनंदी के नेतृत्व में जिला परिषद सदस्यों ने जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. विपणी भवन का वितरण, पंचायत सेवकों का तबादला में अध्यक्ष की बेमतलब की हस्तक्षेप, समय पर बैठक नहीं बुलाने, बैठक में चुपचाप रहने आदि आरोप लगाकर डीडीसी को अविश्वास प्रस्ताव जिप सदस्यों ने सौंपा था. जो, अब गिर गया है.
अध्यक्ष के विरोध और पक्ष में बढ़ सकते थे दो-दो वोट : अध्यक्ष के खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव में चार वोट रद्द कर दिये गये. सही जगह पर निर्धारित निशान नहीं लगाने के कारण चारों वोटों को रद्द कर दिया गया. अध्यक्ष के खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव के विरोध और पक्ष में दो-दो वोट और बढ़ सकते थे. जिस जगह पर सही का निशान लगाकर वोट करना था, उस जगह पर दो वोटरों ने क्रॉस का तथा जिस जगह पर क्रॉस का निशान लगाना था, उस जगह पर सही का निशान लगा दिया था. जिन्होंने गलती से दूसरे स्थान पर सही का निशान लगा दिया था, वे अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट करना चाहते थे.
जिन्होंने गलती से दूसरे स्थान पर क्रॉस का निशान लगा दिया था, वे अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट करना चाह रहे थे. अगर सही स्थान पर दोनों खेमे के वोटर वोट करते तो, पक्ष और विपक्ष में दो-दो वोट का इजाफा हो जाता. हालांकि, इसका जीत हार पर कोई असर नहीं पड़ता. गलत वोटिंग करना रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है.
गलत आरोप लगाकर लाया गया अविश्वास प्रस्ताव : बालमुचु
जिप उपाध्यक्ष चांदमनी बालमुचू ने कहा कि गलत आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. जिसे, सदस्यों ने खारिज कर दिया. उपाध्यक्ष ने कहा कि इस साजिश में एक अधिकारी भी शामिल है. श्रीमती बालमुचू ने कहा कि अब मामला पूरी तरह से खुल गया है. जिला परिषद अब आगे और निरंतर विकास करेगी.
उपाध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर एक वोटर ने सुधारी गलती, पक्ष वाले वोटर ने नहीं सुधारी भूल
उपाध्यक्ष के खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव में हुई वोटिंग में तीन मत रद्द किये गये. तीन में दो मत सही का निशान अविश्वास पक्ष वाले कॉलम में नहीं लगाने तथा एक मत क्रॉस का निशान सही कॉलम में
नहीं लगाने के कारण रद्द किये गये. सही का निशान प्रस्ताव के पक्ष वाला था, क्रॉस का निशान प्रस्ताव के विरोध वाला था. सही जगह पर निशान नहीं लगाने के कारण प्रस्ताव के पक्ष में पड़ने वाले दो तथा विरोध में पड़ने वाला एक वोट कम हो गया. इस तरह प्रस्ताव के पक्ष में वोट देने वाले दो वोटर ने फिर गलती कर दी. प्रस्ताव के विरोध में वोट करने वाले एक वोट ने अपनी गलती सुधारी. लेकिन, दूसरा फिर से वहीं गलती कर बैठा. इस तरह से उपाध्यक्ष को अध्यक्ष से अधिक मत पड़े. करीबी मामला होने पर इस तरह से की गयी वोटिंग से परिणाम पर भी असर पड़ सकता था.
बेबुनियाद आरोप लगाकर हटाने की थी साजिश : लालमुनी
जीत के बाद जिप अध्यक्ष लालमुनी पूर्ति ने कहा कि बेबुनियाद आरोप लगाकर कुर्सी से हटाने की साजिश थी. जिप अध्यक्ष ने कहा कि इस साजिश में बड़े-बड़े लोग के साथ एक अधिकारी भी शामिल था. अब वह पूरे मामले की जांच करायेंगी. जिप अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने आदिवासियों के लिए जिला परिषद के मार्केटों में आरक्षण लागू करवाया.
जिसका, कई सदस्यों ने विरोध किया. अध्यक्ष ने कहा कि आदिवासी महिला होने के कारण उनको प्रताड़ित किया गया. श्रीमती पूर्ति ने कहा कि वे आगे पूरी उर्जा के साथ सबको साथ लेकर आगे बढ़ेंगी. किसी तरह की साजिश को वह अब कामयाब नहीं होने देंगी. अध्यक्ष ने कहा कि वे विपक्ष के आरोप को चैलेंज करती हैं. कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए. अध्यक्ष ने कहा कि बैठक में अनुपस्थित रहने वाले बैठक होने और नहीं होने पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. बैठक में अनुपस्थित रहने वाले सदस्यों पर अब नियम के अनुसार कार्रवाई होगी.
चर्चा में खामोश रहे विधायक, कुछ भी बोलने से किया इनकार
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरूआत पीठासीन पदाधिकारी सह उपायुक्त अरवा राजकमल ने बैठक में बैठे विधायकों से की. विधायकों को अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने को कहा. अविश्वास प्रस्ताव पर विधायकों ने कुछ भी कहने से इनकार किया. जिप सदस्यों को बोलने को कहकर टाल दिया.
अब एक साल बाद ही आ सकता है अविश्वास प्रस्ताव
इस अविश्वास प्रस्ताव के बाद अब एक साल बाद ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. डीसी ने इसकी जानकारी दी. डीसी ने बताया कि चुनाव होने से छह माह पहले अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा.
जिप सदस्य भूमिका मुंडा संग पहुंची जिप अध्यक्ष, बारी-बारी से आया विपक्षी खेमा
जिप अध्यक्ष लालमुनी पूर्ति जिला परिषद सदस्य भूमिका मुंडा दोनों एक साथ एक ही गाड़ी में पहुंची. दूसरी ओर जिप उपाध्यक्ष अकेले पहुंची. इसके ठीक बाद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष समर्थक खेमे के जिप सदस्य व प्रखंड प्रमुख एक साथ पहुंचे. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष वाले खेमे में महिला जिला परिषद सदस्य एक साथ पहुंचीं. शेष सदस्य बारी-बारी से आते रहे. इस दौरान वोटिंग के आसपास काफी गहमा-गहमी रही.
अध्यक्ष को मिले 20 वोट, प्रस्ताव के पक्ष में 27 मत
कुल वोटर 54
उपस्थित हुए 52 वोटर
अध्यक्ष खुद के खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव पर वोट नहीं कर सकती
इस कारण 51 वोटरों ने किया मतदान
कुर्सी बचाने के लिए 14 व सरकार गिराने के लिए थी 39 वोट की जरूरत
51 में से 47 मत हुए वैध, चार मत हुए रद्द
अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़े 27 वोट
अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में पड़े 20 वोट
20 वोट पाकर लालमुनी पूर्ति विजयी रहीं
उपाध्यक्ष को मिले 21 वोट, प्रस्ताव के पक्ष में पड़े 27 मत
कुल वोटर – 54
उपस्थित हुए 52 वोटर
उपाध्यक्ष खुद के खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव पर वोट नहीं कर सकती
इस कारण 51 वोटरों ने किया मतदान
कुर्सी बचाने के लिए 14 व सरकार गिराने के लिए थी 39 वोट की जरूरत
51 में से 48 मत हुए वैध, तीन मत हुए रद्द
अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़े 27 वोट
अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में पड़े 21 वोट
21 मत पाकर चांदमनी विजयी रहीं
इन लोगों ने लिया मतदान में भाग
18 प्रखंड प्रमुख
28 जिला परिषद सदस्य
छह विधायक (चाईबासा, चक्रधरपुर, मनोहरपुर, मझगांव, जगन्नाथपुर तथा खरसावां)
सिंहभूम व खूंटी सांसद बैठक में अनुपस्थित रहे.

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