गुवा. पकड़ानेवाला कर रहा था बचाने का नाटक, दो फरार
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रात में घेराबंदी कर बैंक मैनेजर को छुड़ाया, एक अपहर्ता धराया
गुवा. पकड़ानेवाला कर रहा था बचाने का नाटक, दो फरार गुरुवार शाम बैंक से लौटते समय हुआ था अपहरण अपहरण करने वाले जेना केराई की तलाश कर रही पुलिस जेना की गिरफ्तारी के बाद पता चलेगा तीसरे का नाम किरीबुरू/गुवा/मनोहरपुर : बैंक ऑफ इंडिया की गुवा शाखा के मैनेजर आशीष कुमार गुप्ता को पुलिस ने […]
गुरुवार शाम बैंक से लौटते समय हुआ था अपहरण
अपहरण करने वाले जेना केराई की तलाश कर रही पुलिस
जेना की गिरफ्तारी के बाद पता चलेगा तीसरे का नाम
किरीबुरू/गुवा/मनोहरपुर : बैंक ऑफ इंडिया की गुवा शाखा के मैनेजर आशीष कुमार गुप्ता को पुलिस ने शुक्रवार अहले सुबह करीब तीन बजे घेराबंदी कर मुक्त करा लिया. इस दौरान एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि दो भाग निकले. पुलिस ने घटना में प्रयुक्त चोरी की मोटरसाइकिल तथा मैनेजर की मोटरसाइकिल बरामद कर ली है. पुलिस के अनुसार वारदात में शामिल रहे रमेश वर्मा नाम के अपराधी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि नोवामुंडी के शातिर अपराधी जेना केराई और उसके एक साथी की तलाश की जा रही है.
जेना के हेस्सापी गांव में छिपे होने की खबर है. उसकी गिरफ्तारी के बाद ही तीसरे आरोपी का नाम-पता सामने आ पायेगा. ज्ञात हो कि मनोहरपुर थानांतर्गत लाइनपार निवासी बैंक मैनेजर आशीष गुप्ता का गुरुवार शाम उस समय अपहरण कर लिया गया था जब वह ड्यूटी के बाद बाइक से मनोहरपुर के लिए निकले थे.
इसके बाद फोन पर 15 लाख की फिरौती मांगी गयी थी. बाद में वे चार लाख पर तैयार हो गये थे. वे रुपये मिलने के आश्वासन पर मैनेजर को छोड़ने आ रहे थे, तभी पुलिस की घेराबंदी में फंस गये. लेकिन एक पकड़ा गया.
इधर रिहा हुए बैंक मैनेजर आशीष से शुक्रवार को डीएसपी राम मनोहर शर्मा, थाना प्रभारी प्रदीप कुमार महतो ने दो घंटे पूछताछ की है. डीएसपी शनिवार को पूरे मामले का खुलासा करेंगे.
खुद के बुने जाल में फंस गया रमेश
बैंक मैनेजर आशीष गुरुवार शाम 5:35 बजे बाइक से निकले थे. तीन-चार किलोमीटर बाद एक बाइक ने उन्हें टक्कर मार दी जिससे वह जमीन पर गिर पड़े. उसके बाद हमलावरों (जेना केराई व एक अन्य) ने डंडे और फरसा से हमला कर दिया. उसके बाद दोनों हमलावर रस्सी से मैनेजर के दोनों हाथ बांधकर जंगल में करीब एक किलोमीटर ले गये. जंगल में अपराधियों ने मैनेजर से पैसे की मांग की. इस पर आशीष अपने सहयोगी बैंककर्मियों से फोन पर बात की और पैसे का जुगाड़ कर 10-20 मिनट में बोकना पुल के पास पहुंचाने को कहा. पैसे का जुगाड़ होने की जानकारी मिलने पर एक अपराधी बताये गये स्थान पर पहुंचा लेकिन खाली हाथ लौट आया.
इसी बीच बाइक से वहां रमेश वर्मा पहुंचा. उसने अंधेरे में तीनों (मैनेजर व दो अपहर्ताओं) को दौड़ाया ताकि मैनेजर को अपना हितैषी सिद्ध कर सके. लेकिन कुछ ही देर बाद तीनों अपराधी मिल गये और आपस में बात करने लगे. रात साढ़े आठ बजे आशीष को उनकी पत्नी और भाई से फोन पर बात करायी गयी. मैनेजर ने आश्वासन दिया की लौटने के बाद दो-दो लाख रुपये दे देंगे. रात करीब 12.30 बजे वे लोग वहां से निकले. करीब ढाई घंटे तके वे पैदल चले थे, तब तक पुलिस उन्हें घेर चुकी थी. पुलिस गिरफ्त में आने के बाद रमेश ने यह कहकर बरगलाने की कोशिश की कि वह मैनेजर को बचाने जा रहा था.
लूट की बाइक का इस्तेमाल कर रहे थे अपराधी
गुआ बैंक मैनेजर अपहरण कांड में गिरफ्तार रमेश वर्मा के पास से बरामद सुपर स्प्लेंडर मोटरसाइकिल लूट की है. बाइक के चेचिस नम्बर की जाँच में पाया गया की मोटरसाइकिल झींकपानी निवासी मदन दास की है. इसका वास्तविक नम्बर (जेएच06जी-2122) है. बीते जून माह में बाइक लूटी गयी थी. लूट के वाहन का नंबर बदल (बदला नम्बर- जेएच06ई-9395) कर रमेश वर्मा, जेना केराई व एक अन्य अपहरण, लूट जैसी घटना को अंजाम देते थे
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