नोवामुंडी में टाटा स्टील हिबिस्कस पार्क क्षेत्र की जैव-विविधता में करेगा इजाफा
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टाटा स्टील नोवामुंडी टाउनशिप में हिबिस्कस पार्क का उद्घाटन
नोवामुंडी में टाटा स्टील हिबिस्कस पार्क क्षेत्र की जैव-विविधता में करेगा इजाफा नोवामुंडी : टाटा स्टील नोवामुंडी ने जैव-विविधता पर फोकस के लिए नोवामुंडी टाउनशिप में हिबिस्कस (अड़हूल) पार्क की स्थापना की. टाटा स्टील रॉ मैटेरियल्स के वीपी राजीव सिंघल, जीएम पंकज सतीजा व वरीय अधिकारियों ने 3000 वर्गफीट में फैले पार्क का उद्घाटन किया. […]
नोवामुंडी : टाटा स्टील नोवामुंडी ने जैव-विविधता पर फोकस के लिए नोवामुंडी टाउनशिप में हिबिस्कस (अड़हूल) पार्क की स्थापना की. टाटा स्टील रॉ मैटेरियल्स के वीपी राजीव सिंघल, जीएम पंकज सतीजा व वरीय अधिकारियों ने 3000 वर्गफीट में फैले पार्क का उद्घाटन किया. पिछले वर्ष ओएमक्यू डिवीजन, टाटा स्टील ने ‘ग्रीन थेरेपी’ के बैनर तले औषधीय पौधों, मानव स्वास्थ्य और जैव-विविधता पर सेमिनार किया था.
सेमिनार में हिस्सा लेने वाले आयुर्वेदिक वैद्यों ने क्षेत्र में अड़हूल का एक पार्क स्थापित करने का सुझाव दिया था. इसमें कई औषधीय गुण होते हैं. स्थानीय पुष्प जैव-विविधता के औषधीय मूल्यों पर मंथन करने के दौरान अड़हूल के विचार पर सहमति बनी. औषधीय गुणधर्म सहित, भारतीय संस्कृति और रीति-रिवाजों में इस पौधे का काफी महत्व है. अड़हूल की 100 से अधिक प्रजातियां पायी जाती हैं. इस हिबिस्कस पार्क में मैलोरका, वेल्लाचेरी, हवाई एवं मॉक्यूटस समेत हिबिस्कस की 48 प्रजातियां लगायी गयी हैं. यह पार्क न केवल पर्यावरण के प्रति टाटा स्टील की कटिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि इस प्रकार के औषधीय मूल्यों वाले विलुप्त पौधों को पुनर्जीवित करने की पहल को रेखांकित करता है. विटामिनों व खनिजों से भरपूर अड़हुल यानी हिबिस्कस उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्राल आदि में काफी लाभकारी है और आयुर्वेद में ऐसा माना जाता है कि इसमें कैंसर-रोधक तत्व होते हैं. इस प्रकार, यह पार्क न केवल क्षेत्र की खूबसूरती बढ़ायेगा, बल्कि अपने औषधीय गुणों के साथ लोगों को भी फायदा पहुंचायेगा.
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