छोटानागरा : गोपटोला में सीएसआर के तहत लाखों की लागत से निर्मित जलमीनार बना सफेद हाथी
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जलमीनार से नहीं मिल रहा पानी, ग्रामीण त्रस्त
छोटानागरा : गोपटोला में सीएसआर के तहत लाखों की लागत से निर्मित जलमीनार बना सफेद हाथी मनोहरपुर/चिरिया : वित्तीय वर्ष 2016-17 में घाटकुडी आयरन ओर माइंस के खनन पट्टेधारी रुंगटा माइंस लि. द्वारा छोटानागरा गोपटोला में सीएसआर के तहत पेयजल के लिए लाखों रुपये की लागत से जलमीनार का निर्माण किया गया. लेकिन साल भर […]
मनोहरपुर/चिरिया : वित्तीय वर्ष 2016-17 में घाटकुडी आयरन ओर माइंस के खनन पट्टेधारी रुंगटा माइंस लि. द्वारा छोटानागरा गोपटोला में सीएसआर के तहत पेयजल के लिए लाखों रुपये की लागत से जलमीनार का निर्माण किया गया.
लेकिन साल भर से ज्यादा बीत जाने के बाद भी ग्रामीणों को उक्त जलमीनार से पानी की एक बूंद भी नसीब नहीं हुई. जिससे गोपटोला में पेयजल की समस्या का निदान नहीं हुआ. यह जलमीनार लोगों के लिए सिर्फ सफेद हाथी साबित हो रहा है. जिससे ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है. मालूम हो कि टोला में तीन चापाकल हैं. जिसमें से दो चापाकल में पानी के साथ कंकड़ आता हैं और एक चापाकल से बदबूदार पानी निकलता है, जो पीने योग्य नहीं है. ग्रामीण गंदे हो रहे नदी-नाले का पानी पीने के लिए मजबूर हैं.
क्या कहते हैं ग्रामीण
जलमीनार का स्थान कहीं और है, जबकि डीप बोरिंग कहीं और दूरी पर किया गया है. जलमीनार निर्माण के वक्त ग्रामीणों ने सोचा कि जमीन के अंदर-अंदर डीप बोरिंग और जलमीनार का कनेक्शन किया जायेगा. मगर ऐसा हुआ. एक साल से जलमीनार बेकार पड़ा हुआ है.
महेश गोप
कंपनी द्वारा सीएसआर दायित्व निभाने के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. जिससे ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. जलमीनार की समस्या निदान के संबंध में कंपनी के पर्सनल अधिकारी से ग्रामीणों ने कई बार आग्रह किया, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला. कोई सुधार नहीं हुआ. ग्रामीणों के समक्ष साफ पानी की समस्या अब भी बरकरार है. पेयजल व स्वच्छता विभाग के द्वारा भी खराब चापानल को दुरुस्त नहीं किया जा रहा है.
प्रकाश कुमार गोप
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