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लैंपस कार्यालय में हंगामा
सिमडेगा : लैंपस कार्यालय में नोटबंदी के बाद से ही अभी तक स्थिति नहीं सुधरी है. खाताधारियों को जरूरत के मुताबिक पैसे की निकासी नहीं हो रही है. पांच-छह दिनों से खाताधारी लैंपस कार्यालय का चक्कर काट-काट कर तंग आ गये हैं. इसके बाद गुरुवार को खाताधारियों ने लैंपस कार्यालय में जम कर हंगामा किया. […]
सिमडेगा : लैंपस कार्यालय में नोटबंदी के बाद से ही अभी तक स्थिति नहीं सुधरी है. खाताधारियों को जरूरत के मुताबिक पैसे की निकासी नहीं हो रही है. पांच-छह दिनों से खाताधारी लैंपस कार्यालय का चक्कर काट-काट कर तंग आ गये हैं. इसके बाद गुरुवार को खाताधारियों ने लैंपस कार्यालय में जम कर हंगामा किया. हंगामे के बाद खाताधारियों के बीच आंशिक रूप से राशि का भुगतान किया गया. रुपये निकासी के लिए खाताधारियों की कतार लग गयी. खाताधारियों के मुताबिक, जिनके एक लाख रुपये जमा हैं, उन्हें सिर्फ चार हजार से पांच हजार रुपये तक दिये जा रहे हैं. इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जरूरत के मुताबिक राशि की निकासी नहीं होने से उनके काम में बाधाएं आ रही हैं. ज्ञात हो कि लैंपस कार्यालय में लगभग 20 हजार खाताधारी हैं. खाताधारियों का लगभग 50 लाख रुपये जमा है. लैंपस कार्यालय से प्रतिदिन लगभग छह लाख रुपये का ट्रांजेक्शन होता है, किंतु पैसे की कमी के कारण लोग परेशान हैं. सलडेगा निवासी छोटू महली ने कहा कि उनकी बहन की शादी है, किंतु पैसे नहीं मिलने के कारण वह खासे परेशान हैं. रामदेव महतो का कहना है कि पैसे की काफी जरूरत है. लैंपस कार्यालय से पैसे की निकासी नहीं हो रही है. नैगमटोली निवासी सीता देवी ने कहा कि उसके बेटे का नामांकन स्कूल में कराना है. पैसे नहीं मिलने के कारण वह अब तक नामांकन नहीं करा पायी है. गुलजार गली निवासी रंजीत बड़ाइक का कहना है कि बहन की शादी है तथा घर भी बना रहे हैं, किंतु लैंपस कार्यालय में जमा राशि के लिए चक्कर काट रहे हैं.
बैंक में लिंक फेल होने से परेशानी
इस संबंध में लैंपस कार्यालय के अध्यक्ष मेरी टोपनो का कहना है कि लैंपस कार्यालय का पैसा बैंक ऑफ इंडिया में जमा होता है, किंतु बैंक का लिंक लगातार फेल रहने के कारण बैंक से पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं. परिणाम स्वरूप खाताधारियों काे पैसा नहीं दे पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह से यह समस्या चली आ रही है. कहा कि सभी खाताधारियों का पैसा सुरक्षित है. सभी को धीरे-धीरे पैसा दे दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि पुराने एजेंटों को हटा दिया गया है. नये एजेंट बहाल किये जा रहे हैं. नये एजेंट एक-दो दिन में काम करना शुरू कर देंगे. इसके बाद पैसे की किल्लत कम हो जायेगी.
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