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आस्था का केंद्र है मां बाघचंडी मंदिर
सिमडेगा के अलावा सिंहभूम, गुमला व लोहरदगा जिले के भक्त आते हैं दर्शन के लिए बानो. कोलेबिरा -मनोहरपुर स्टेट हाइवें में कल्हाटोली गांव में स्थित बाघचंडी मंदिर आस्था का प्रीतक है.मंदिर में रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु पूजा- अर्चना करते हैं. कोलेबिरा से 15 किमी व लचरागढ़ से छह किमी की दूरी पर स्थित बाघचंडी मंदिर में […]
सिमडेगा के अलावा सिंहभूम, गुमला व लोहरदगा जिले के भक्त आते हैं दर्शन के लिए
बानो. कोलेबिरा -मनोहरपुर स्टेट हाइवें में कल्हाटोली गांव में स्थित बाघचंडी मंदिर आस्था का प्रीतक है.मंदिर में रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु पूजा- अर्चना करते हैं. कोलेबिरा से 15 किमी व लचरागढ़ से छह किमी की दूरी पर स्थित बाघचंडी मंदिर में मंगलवार व शनिवार को भक्तों का तांता लगे रहता है. मंदिर में स्थित मां दुर्गा की अाराधना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. मंदिर में पूजा करने के लिए कोलेबिरा, सिमडेगा, जलडेगा, बानो व लचरागढ़ के श्रद्धालु आते हैं. महीना में यहां कई लोग मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए बकरे की बलि भी देते हैं. मंदिर के इतिहास के बारे में जानकार बताते हैं कि यहां लोग मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए आते हैं. पहले मंदिर की स्थिति खराब थी, लेकिन लचरागढ़ के ग्रामीणों ने पहल करते हुए भव्य मंदिर का निर्माण कराया है.
मंदिर की देखभाल के लिए समिति का गठन किया गया है. मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर के विकास के लिए स्थानीय लोगों के आलावा कोलेबिरा, बानो व जलडेगा के लोग सहयोग करते हैं. इस बार से मंदिर में लोगों के ठहरने के लिए प्रबंध करने की पहल की जा रही है.
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