सरायकेला में 20 साल से चल रहा था फर्जी क्लिनिक! न डिग्री थी न ही रजिस्ट्रेशन, प्रशासन ने किया सील
Fake Clinic Sealed In Saraikela: सरायकेला में बिना रजिस्ट्रेशन और बिना डिग्री चल रहे ‘पूनम क्लिनिक’ को प्रशासन ने सील कर दिया है. भारी मात्रा में दवाएं और बायो मेडिकल वेस्ट मिला. इस क्लिनिक में इलाज के दौरान बीते एक साल में दो शिशुओं की मौत का मामला भी सामने आया है.
Fake Clinic Sealed In Saraikela, सरायकेला, (शचिंंद्र कुमार दाश): सरायकेला की जिला स्तरीय टीम ने शनिवार को कुचाई प्रखंड के दलभंगा गांव में बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित ‘पूनम क्लिनिक’ को सील कर दिया. ये कार्रवाई क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत की गयी. जांच के दौरान क्लिनिक में भारी मात्रा में दवाएं, दवा का अवैध भंडारण और जला हुआ जैव अपशिष्ट (बायो मेडिकल वेस्ट) मिला. जांच टीम में सीइए के नोडल पदाधिकारी डॉ. अनिर्वाण महतो, सहायक गणपत महतो, कुचाई सीओ सुषमा सोरेन और दलभंगा ओपी प्रभारी शामिल थे. टीम ने साइट पर पहुंचकर क्लिनिक की पूरी जांच की.
बिना रजिस्ट्रेशन, बिना डिग्री चला रहा था क्लिनिक
जांच में पता चला कि चक्रधरपुर के पदमपुर गांव के परमानंद महतो पिछले 20 वर्षों से पूनम क्लिनिक चला रहा था. क्लिनिक संचालन के लिए न तो उसके पास रजिस्ट्रेशन था और न ही चिकित्सकीय सेवा से संबंधित कोई वैध डिग्री. अधिकारी ने जब रजिस्ट्रेशन और योग्यता प्रमाण पत्र मांगा, तब भी वह कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका. इस संबंध में डॉ. अनिर्वाण महतो का कहना था कि बिना रजिस्ट्रेशन के क्लिनिक चलाना तथा इलाज करना कानूनन अपराध है. मामले की प्रत्येक बिंदु पर जांच की जा रही है.”
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दवाओं का बड़े पैमाने पर भंडारण, एजेंसी पर भी कसेगा शिकंजा
क्लिनिक के भीतर एंटी स्नेक वेनम, स्टेरॉयड सहित कई गंभीर बीमारियों में उपयोग होने वाली दवाएं मिलीं. जांच में यह भी सामने आया कि दवाओं की आपूर्ति जुगसलाई से की जा रही थी. ड्रग इंसपेक्टर को पूरे मामले की जानकारी दे दी गयी है और आपूर्तिकर्ता एजेंसी पर भी कार्रवाई की तैयारी है. क्लिनिक में चार बेड भी लगे हुए थे.
एक वर्ष में दो शिशुओं की मौत का मामला उजागर
जांच में यह भी सामने आया है कि पिछले एक वर्ष के भीतर क्लिनिक में इलाज के दौरान दो शिशुओं की मौत हो चुकी है. हालांकि, इसकी स्वतंत्र जांच की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. क्लिनिक को मौके पर ही सील कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई जिला प्रशासन की निगरानी में जारी है.
